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Ganga Dussehra 2020: गंगा दशहरा पर हरिद्वार में गंगा पूजन, गंगोत्री में गंगा लहरी पाठ

अनलाक-1 के तहत सरकारी पाबंदियों के बीच धर्मनगरी में उल्लास और उमंग के साथ गंगा दशहरा और गायत्री जयंती का पर्व मनाया जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 10:09 PM (IST)
Ganga Dussehra 2020: गंगा दशहरा पर हरिद्वार में गंगा पूजन, गंगोत्री में गंगा लहरी पाठ
Ganga Dussehra 2020: गंगा दशहरा पर हरिद्वार में गंगा पूजन, गंगोत्री में गंगा लहरी पाठ

हरिद्वार, जेएनएन। अनलॉक-1 की पाबंदियों के बीच धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा दशहरा और गायत्री जयंती का पर्व मनाया गया। इस दौरान श्रीगंगा सभा के पदाधिकारियों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए हरकी पैड़ी में गंगा पूजन किया। घाटों पर इक्का-दुक्का स्थानीय लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई। उधर, गंगा के मायके गंगोत्री धाम में गंगा और राजा भगीरथ की डोलियों को गंगा घाट व भगीरथ शिला पर स्नान कराया गया। इसके बाद वैदिक मंत्रोचार, हवन, गंगा लहरी पाठ व पूजा-अर्चना की गई। इसमें सिर्फ तीर्थ पुरोहित ही शामिल हुए। जबकि, उत्तरकाशी में कई श्रद्धालुओं गंगा स्नान और गंगा पूजन किया। 

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ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पर हस्त नक्षत्र और सिद्धि योग में पडऩे वाले गंगा दशहरा पर्व पर हर साल हरकी पैड़ी में स्नानार्थियों की भीड़ उमड़ती थी। लेकिन, पाबंदियों के चलते इस बार घाटों पर पूरी तरह शांति रही। इस दौरान महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद ने सप्तऋषि क्षेत्र और महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने सिद्धपीठ दक्षिणकाली मंदिर के गंगाघाट पर स्नान, अभिषेक और पूजन किया। साथ ही शिवलिंग का जलाभिषेक कर विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाने की कामना भी की गई। जबकि, गंगा के मायके गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने राजा भगीरथ और गंगा की उत्सव डोली की शोभायात्रा निकाली। गंगा व भगीरथ की डोली को गंगा घाट स्नान कराने के बाद भगीरथ शिला में जलाभिषेक किया गया। गंगोत्री के तीर्थ पुरोहित रवींद्र सेमवाल ने कहा कि गंगा केवल शास्त्रों में ही पूजनीय नहीं है, बल्कि वह एक संस्कृति, सभ्यता और अखंडता की जलधारा भी है। 

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दस वैदिक गणनाओं में ज्येष्ठ माह, शुक्लपक्ष, दसवां दिन, गुरुवार, हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग, आनंद योग और कन्या राशि में चंद्रमा और वृषभ राशि में सूर्य शामिल हैं। मान्यता ऐसी है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इसी दिन गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी। हिंदू मान्यता के अनुसार गंगा को देवों की नदी कहा जाता है। गंगा दशहरे वाले दिन गंगा माता की पूजा अर्चना होती है। साथ ही काशी, हरिद्वार और प्रयागराज के घाटों पर लोग गंगा माता के पवित्र जल में स्नान कर भक्त अपने पापों का अंत करते हैं। मगर इस बार अनलाक-1 की पाबंदियों के चलते ऐसा करना संभव नहीं होगा।

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