उच्च शिक्षा संस्थानों से भागीदारी करेगा आइआइटी रुड़की
केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने अनुसंधान और नवाचार में आगे रहने के साथ समाज और राष्ट्रहित में शिक्षा उद्योग के परस्पर संबंधों को सशक्त बनाया है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धमेंद्र प्रधान ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने अनुसंधान और नवाचार में आगे रहने के साथ समाज और राष्ट्रहित में शिक्षा उद्योग के परस्पर संबंधों को सशक्त बनाया है। वहीं राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में आइआइटी रुड़की ने ओवरआल रैंक सुधार कर नौ से सात कर ली है। जबकि, आर्किटेक्चर श्रेणी में इस साल आइआइटी रुड़की देश में पहले स्थान पर रहा है। इसके अलावा संस्थान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के अनुसार अपने वर्तमान पांच वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में निकास (एग्जिट) का विकल्प दिया है। ये बातें उन्होंने आइआइटी रुड़की के 175वें स्थापना दिवस पर आयोजित वर्चुअल समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (पूर्व में रुड़की कॉलेज) के 175वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को संस्थान की ओर से आनलाइन और आफलाइन समारोह आयोजित किया गया। आनलाइन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धमेंद्र प्रधान उपस्थित रहे। इस मौके पर धमेंद्र प्रधान ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने ब्रिटिश काल के पहले इंजीनियरिग कालेज के रूप में 1847 में अपनी यात्रा शुरू की थी। इंजीनियरिग शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास, सामाजिक प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में निरंतर प्रगति की है। कई अभूतपूर्व कार्य और अग्रणी पहल करने का श्रेय भी संस्थान रखता है। वर्चुअल कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में संस्थान के 14 पूर्व छात्रों को पुरस्कृत किया गया। इनमें अनुसंधान में उत्कृष्टता, प्रौद्योगिकी में उत्कृष्ट नवाचार, सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के नेतृत्व में उत्कृष्टता, निजी क्षेत्र के नेतृत्व में उत्कृष्टता, उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार, शिक्षा एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और विशिष्ट युवा पूर्व विद्यार्थी पुरस्कार शामिल हैं।
वहीं संस्थान के लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित आफलाइन कार्यक्रम में आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने अनुसंधान क्षमता बढ़ाने के लिए आसपास के उच्च शिक्षा संस्थानों से भागीदारी को लेकर कई घोषणाएं की। निदेशक प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य और 200 किलोमीटर के दायरे के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों व पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ संस्थान मिलकर कार्य करेगा। इसके जरिये ज्ञान संपदा बढ़ाने और आपसी भागीदारी से शोध एवं विकास के प्रयास तेज किए जाएंगे। कहा कि इस तरह की भागीदारी से छात्रों और शिक्षकों में रचनात्मक सोच का विकास होगा। निदेशक ने बताया कि संस्थान के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आसपास के स्कूलों के विद्यार्थियों को संस्थान परिसर में आने का निमंत्रण दिया जाएगा। इससे उनके ज्ञान का विस्तार होगा। साथ ही उन्हें संस्थान की गरिमा, भव्यता, सांस्कृतिक विरासत और भावी संभावनाओं का पता लगेगा। उन्होंने बताया कि संस्थान की 175वीं सालगिरह के मौके पर दो प्रभावशाली प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। पहला 1.3 पेटाफ्लाप्स सुपर कंप्यूटर केंद्र है, जो राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिग मिशन का हिस्सा है। दूसरा एससीएडीए आधारित स्मार्ट एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम है, जिसमें ऊर्जा संपदाओं से परिवहन तक और फिर पानी एवं कचरा प्रबंधन के लिए एकीकृत निगरानी विश्लेषण और नियंत्रण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा संस्थान के स्थापना दिवस के मौके पर नए हास्टल और रसायन विज्ञान विभाग के भवन की नींव रखी गई है। इस दौरान संस्थान की ओर से एक वेब पेज भी लान्च किया गया। वहीं भारतीय वन्यजीव संस्थान की जैव विविधता रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उद्यमिता में संस्थान की उपलब्धियां बताते हुए उप निदेशक प्रोफेसर मनोरंजन परीदा ने कहा कि संस्थान के कई पूर्व विद्यार्थी भारत और विदेशों में सफल प्रौद्योगिकी और सामाजिक उद्यमों के संस्थापक रहे हैं। ये विद्यार्थी आइआइटी रुड़की की उत्कृष्टता की विरासत आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस मौके पर नगर विधायक प्रदीप बत्रा, महापौर गौरव गोयल, डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. एमके बरुआ, संस्थान के फैकल्टी एवं विद्यार्थी और विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक व प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
-----------
शिक्षा के साथ अनुसंधान में भागीदारी के लिए प्रस्ताव किए आमंत्रित
आइआइटी रुड़की की 175वीं सालगिरह समारोह समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा कि संस्थान बुनियादी और व्यावहारिक अनुसंधान में अधिक योगदान देकर समाज के विभिन्न वर्गों के लिए विभिन्न उत्पादों, बुनियाद संरचनाओं, प्रक्रियाओं और सामग्रियों का विकास करेगा। बताया कि भारत के सतत विकास के लिए निरंतर अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लक्ष्य से कार्यरत प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के अनुरूप आइआइटी रुड़की शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान में भागीदारी के लिए प्रस्ताव आमंत्रित कर रहा है। इसमें तीन महीने के बीटेक इंटर्नशिप आइआइटीआर स्पार्क प्रोग्राम, छह महीने के एमटेक इंटर्नशिप आइआइटीआर और सहयोगी संस्थानों की संयुक्त देखरेख में और संस्थागत भागीदारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि संस्थागत भागीदारी के तहत आइआइटी रुड़की में भागीदार संस्थानों के लिए दो पीएचडी पंजीकरण किए जाएंगे। साथ ही ऐसे संस्थानों के शिक्षकों और विद्यार्थियों के मेंटरशिप के लिए संस्थान में स्थानांतरण प्रोग्राम होंगे, जिससे भागीदार संस्थानों में शोध क्षमता बढ़ाई जाएगी।