प्रेमालाप के लिए राजाजी पहुंचे परिंदे, बच्चों के साथ लौटेंगे
राजाजी पार्क में प्रेमालाप के लिए ग्रीष्मकालीन परिंदे आने लगे हैं। इससे पक्षी प्रेमी उत्साहित है। अब बच्चों को साथ लेकर ये परिंदे अपने वतन लौटेंगे।
हरिद्वार, [जेएनएन]: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क वर्ष भर मेहमान परिंदों से गुलजार रहता है। शीतकाल में आने वाले परिंदे अपने गंतव्यों को गए तो अब ग्रीष्मकालीन मेहमानों ने यहां डेरा डाल लिया है। पिछले दस दिन में राजाजी में 10 से अधिक प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं।
गर्मियों में आने वाले इन मेहमानों की खास बात यह है कि ये पक्षी यहां नेस्टिंग व ब्रीडिंग करते हैं और अपने बच्चों के साथ सितंबर तक वापस लौट जाते हैं।
उत्तराखंड में तराई के जंगलों से लेकर हिमालय की पहाड़ियों तक पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण है। भोजन से लेकर आवास-प्रवास के लिए पर्याप्त संरक्षित जंगल हैं। इन जंगलों में से राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क का जंगल भी एक है।
चीला के नेचर एवं बर्ड वॉचिंग गाइड सतीश शर्मा बताते हैं कि दक्षिण भारत से करीब 10 प्रकार के परिंदों की प्रजाति राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क व आसपास के जंगलों में पहुंच चुकी हैं। ये पक्षी यहां ब्रीडिंग करते हैं तथा सितंबर तक वापस लौट जाते हैं। इन सुंदर पक्षियों को देख कर बर्ड वॉचिंग के शौकीन भी बेहद खुश हैं।
ये पक्षी पहुंचे हैं दक्षिण भारत से
ग्रीन बी-इटर, चेस्टनेट बी-इटर, सन बर्ड, हैडेड बी-इटर, ब्लू टैलेड बी-इटर, ब्लैक हेडेड ओरियल, लॉग टैलेड मिनीवेट, इंडियन स्कूप आउल, इंडियन पीटा, मैनी काइंड ऑफ डव, रोजी मिनीवेट, एशियन पैराडाइज फ्लाइ कैचर, कॉमन हॉक कॉक, कुकु, इंडियन पीटा सहित 10 से अधिक प्रजाति के पक्षी राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला, गोहरी सहित आस पास के क्षेत्रों में पहुंचे गए हैं।
नर पक्षी दिखा रहे हैं करतब
राजाजी टाइगर रिजर्व में इन दिनों बर्ड वॉचिंग के शौकीनों की संख्या भी बढ़ गई है। बर्ड वॉचिंग के गाइडों की मानें तो नर पक्षी मादाओं को रिझाने के लिए अपने रंग बिरंगे पंखों से करतब दिखा रहे हैं।
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