स्वस्थ लोकतंत्र के लिए रमजान में न कराएं चुनाव
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: निकाय चुनाव को लेकर चल रही अटकलों के बीच मुस्लिम समुदाय से लगा
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: निकाय चुनाव को लेकर चल रही अटकलों के बीच मुस्लिम समुदाय से लगातार यह मांग उठ रही है कि रमजान के महीने में चुनाव न कराए जाएं। शुक्रवार को ज्वालापुर में हुई एक बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रमजान में चुनाव होता है तो मत प्रतिशत घटेगा और यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए चुनाव रमजान में न कराए जाने की मांग निर्वाचन आयोग से की गई।
मौहल्ला हज्जाबान में आयोजित बैठक में मंडी समिति के पूर्व उपाध्यक्ष अरशद ख्वाजा ने कहा कि पांच दिन बाद रमजान का महीना शुरू होने जा रहा है। इस बार रोजे की अवधि करीब 17 घंटे रहेगी। दिन भर रोजा और इबादत में मशगूल रहने के चलते मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा तबका निर्वाचन प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएगा। जिससे मत प्रतिशत घटना तय है। गुलशेर अंसारी ने कहा कि चुनाव आयोग हर बार अधिक से अधिक लोगों के मतदान में हिस्सा लेने की अपील करता है और मतदाता जागरुकता अभियान भी चलाया जाता है। चुनाव आयोग की यह मंशा तभी कारगर हो सकती है, जब रमजान के बाद चुनाव कराए जाएं। अफजाल सलमानी व सलमान कुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग को सभी धर्मावलंबियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए और उनके व्यवहारिक पक्ष को देखते हुए चुनाव की तारीख का ऐलान रमजान बाद करना चाहिए। बैठक में मुजफ्फर अंसारी, उस्मान सलमानी, आकिब मंसूरी, शाहिद सैफी, सलीम ख्वाजा, शाहनजर कुरैशी, शाहबाज सलमानी, वसीम सलमानी, साजिद अंसारी, तनवीर मंसूरी, रियाज अब्बासी, मोईन आदि मौजूद रहे।