अभियान: कोहरे के कोहराम से बचने के लिए सावधानी जरूरी
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: पहाड़ों पर बर्फ पड़ने के साथ ही ठंड ने मैदानी इलाकों में भी द
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: पहाड़ों पर बर्फ पड़ने के साथ ही ठंड ने मैदानी इलाकों में भी दस्तक दे दी है। मैदानी क्षेत्रों में हर साल सैकड़ों लोग कोहरे के कारण हादसों में अपनी जान गंवा बैठते हैं। वाहन चालक छोटी-छोटी सावधानियां बरत कर कोहरे को मात दे सकते हैं।
हरिद्वार जिला पूरी तरह मैदानी क्षेत्र होने के चलते हर साल सर्दियों में कोहरे का जबरदस्त प्रकोप रहता है। दिल्ली-देहरादून हाइवे, हरिद्वार-नजीबाबाद हाइवे और रुड़की-सहारनपुर हाईवे के अलावा हरिद्वार-लक्सर मार्ग, मंगलौर-झबरेड़ा आदि मार्गो पर कोहरे के कारण बड़ी संख्या में हादसे होते हैं। अक्सर दोपहिया और कार, आटो जैसे वाहनों में सवार लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं। घने कोहरे में विजिबिलिटी घटने के चलते नजदीक के वाहन भी नजर नहीं आते और टक्कर हो जाती है। पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ जोरदार ठंड की शुरूआत हो चुकी है। उसका असर मैदानी इलाकों में भी महसूस होने लगा है। नवंबर के आखिर तक कोहरा भी दस्तक दे चुका होगा। ऐसे में फिलवक्त कुछ सावधानियां बरतकर वाहन चालक कोहरे के कारण होने वाले हादसों से बच सकते हैं। बाजार में ऐसे कई उपकरण मौजूद हैं, जो कोहरे के दौरान विजिबिलिटी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इनके अलावा कुछ अन्य सावधानी बरतकर भी कोहरे की मार से बचा जा सकता है। बाजार में उपलब्ध हैं ये उपकारण..
फोग लैंप, कोहरे को चीरने के लिए बाजार में फोग लैंप उपलब्ध है। यह अमूमन चोपहिया वाहनों में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कीमत एक हजार रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक है। घने कोहरे के दौरान फोग लैंप दूर तक देखने की क्षमता बढ़ता है। रेडियम स्टीकर, वाहनों पर रेडियम स्टीकर का इस्तेमाल आसान और किफायती है। कोहरे के दौरान अक्सर दिन में भी वाहनों की लाइट जलानी पड़ती है। लाइट पड़ने पर रेडियम स्टीकर दूर से ही चमकता है। डीआरएल, वाहनों में डीआरएल का इस्तेमाल भी कोहरे से निजात दिला सकता है। डीआरएल अमूमन बड़े वाहनों में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कई रेंज बाजार में उपलब्ध है। अलग-अलग वाहनों के हिसाब से इसकी कीमत 800 रुपये प्रति सेट से लेकर तीन हजार रुपये प्रति सेट तक है। बीम लाइट, बीम लाइट अक्सर वाहनों में पहले से लगी होती है। इसे और ज्यादा असरदार बनाने के लिए बाजार में कई किस्म की एसेसीरिज उपलब्ध है।
कोहरे के दौरान इन पर भी अमल जरूरी
-सड़क किनारे भारी वाहनों के खड़े होने पर रोक लगनी चाहिए
- दुर्घटना संभावित क्षेत्र चिह्नित कर रोड साइन भी लगाए जाएं
- शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई की जाए
- जुगाड़ वाहन अक्सर हादसों का सबब बनते हैं, इन पर रोक लगे
- कोहरे के दौरान वाहनों की रफ्तार नियंत्रित रखें
- भीड़ और आबादी क्षेत्रों से वाहन गुजरने के दौरान चौकन्ना रहें कोहरे में सड़क किनारे भारी वाहनों को खड़ा करने पर प्रतिबंध लगना चाहिए। जुगाड़ वाहन के चलते भी सड़क हादसे होते हैं। कोहरे को देखते हुए रोडवेज की ओर से भी वाहनों में एसएलडी, रेडियम स्टीकर, डिस्पले बोर्ड, आल वेदर लैंप आदि लगाए गए हैं। पंकज ऐरन, फोरमैन हरिद्वार रोडवेज डिपो गढ़वाल मोटर आनर्स यूनियन की करीब 100 बसें हरिद्वार से संचालित होती हैं। सभी बसें सुरक्षा मानकों को पूरा करती हैं। एआरटीओ से यह वाहन सभी मानकों की जांच के बाद ही पास किए जा रहे हैं। कोहरे से जुड़े सभी मानक भी पूरे किए गए हैं। एमएस नेगी, स्टेशन इंचार्ज जीएमओयू हरिद्वार कोहरे को देखते हुए रात में डयूटी करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को रिफ्लेक्टर जैकेट बांटी जा रही है। पुलिस की गाड़ियों में भी रिफ्लेक्टर व फोग लैंप लगाए जा रहे हैं। रात में सिडकुल की फैक्ट्रियों से लौटने वाले कर्मचारियों व अन्य छोटे वाहन चालकों से अपील है कि रिफ्लेक्टर जैकेट खरीदें या वाहनों पर रेडियम स्टीकर लगाएं। कोहरे से पहले इस बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मंजूनाथ टीसी, एसपी क्राइम व यातायात हरिद्वार