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लालढांग क्षेत्र के तीन गांव में कहर बरपा सकती है बाढ़

कांगड़ी गांव से गंगा की धारा को दूसरी ओर मोड़ने के लिए नदी के बीच चैनलाइजेशन (नदी के बीच में दोनों ओर गहरा नाली नुमा रास्ता बनाना) करना जरूरी है। गंगा के मध्य में रेत ओर बजरी का बड़ा टीला होने से पानी का रुख निरंतर गांव की ओर मुड़ रहा है। जो भविष्य में कांगड़ी गाजीवाली और श्यामपुर गांव पर कहर बरपा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 08:23 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 08:23 PM (IST)
लालढांग क्षेत्र के तीन गांव में कहर बरपा सकती है बाढ़
लालढांग क्षेत्र के तीन गांव में कहर बरपा सकती है बाढ़

संवाद सूत्र, लालढांग : कांगड़ी गांव से गंगा की धारा को दूसरी ओर मोड़ने के लिए नदी के बीच चैनलाइजेशन (नदी के बीच में दोनों ओर गहरा नाली नुमा रास्ता बनाना) करना जरूरी है। गंगा के मध्य में रेत ओर बजरी का बड़ा टीला होने से पानी का रुख निरंतर गांव की ओर मुड़ रहा है। जो भविष्य में कांगड़ी, गाजीवाली और श्यामपुर गांव पर कहर बरपा सकता है।

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2013 में आई आपदा के बाद से ही कांगड़ी गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था। जबरदस्त जल प्रलय के बाद गंगा का पानी गांव के मुहाने पर पहुंच गया था। पूर्व में बाढ़ के पानी को गांव की ओर जाने से रोकने के लिए बने वायर क्रेट भी ध्वस्त हो चुके थे। तब से लेकर अब तक गांव के ग्रामीण प्रत्येक बरसात में भयभीत हो जाते है। हालांकि सिचाई विभाग की ओर से बरसात के समय स्पर बनाए जाते हैं, लेकिन जलस्तर काफी ज्यादा होने के कारण स्पर पानी की तेज धारा में बह जाते हैं।

वर्तमान समय में गंगा नदी, सिद्ध सोत्र के बीच मात्र चार फीट का पुश्ता बचा है। अगर वह भी टूट गया तो कांगड़ी गांव को बाढ़ की विभीषिका से रोकना काफी मुश्किल है। हालांकि पिछले दिनों सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने कांगड़ी का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरी बाढ़ सुरक्षा के उपाय करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। लेकिन, ग्रामीणों का कहना है कि चेनेलाइज कर पानी की धारा को दूसरी ओर मोड़ने का प्रयास किए बगैर अन्य योजनाएं भी कारगर साबित नहीं हो रहीं है।

कांगड़ी के निवर्तमान ग्राम प्रधान राजेश कुमार, फकीरचंद, मामराज, दिवाकर चौहान, सोनू चौहान, बबलू पाल ने बताया कि यह गांव पिछले कई वर्षों से बाढ़ के मुहाने पर है। पहले गंगा की धारा गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर थी, लेकिन हर साल हो रहे भू-कटाव के चलते गंगा अब गांव से सट कर बह रही है।

स्थानीय विधायक व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने भी गंगा के बीच पानी की धारा मोड़ने के लिए चैनलाइजेशन करने के लिए सिचाई विभाग के अधिकारियों को आदेशित किया था। अब सिचाई मंत्री सतपाल महाराज ने भी अधिकारियों को निर्देशित किया है, मगर अभी तक पानी की धारा मोड़ने का काम शुरू नहीं हो पाया है। इस मामले में सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मंजू ने बताया कि जल्दी ही बरसात का पानी कम होने के बाद पानी के चैनलाइजेशन का काम शुरू कर दिया जाएगा।


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