चुनाव प्रचार में सबसे तेज दौड़ रही ई-रिक्शा
संवाद सहयोगी, रुड़की: निकाय चुनाव के प्रचार में ई-रिक्शा सबसे तेज दौड़ रही है। शायद ही
संवाद सहयोगी, रुड़की: निकाय चुनाव के प्रचार में ई-रिक्शा सबसे तेज दौड़ रही है। शायद ही कोई ऐसा प्रत्याशी हो, जो चुनाव प्रचार में ई-रिक्शा पर भरोसा न जता रहा हो। अन्य प्रचार वाहनों की अपेक्षा ई-रिक्शा का खर्च काफी कम है। साथ ही इसके जरिये प्रत्याशी चौपहिया वाहन की तरह से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। बड़ी बात यह है कि ई-रिक्शा से किसी भी प्रकार का प्रदूषण भी नहीं हो रहा है।
मंगलौर नगर पालिका, लंढौरा नगर पंचायत, झबरेड़ा नगर पंचायत, कलियर नगर पंचायत और भगवानपुर नगर पंचायत के लिए अध्यक्ष और सभासद के लिए अनेक प्रत्याशी चुनाव मैदान है। सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशी ई-रिक्शा पर ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं। यही वजह है कि चुनाव वाले क्षेत्रों में ई-रिक्शा ही ई-रिक्शा नजर आ रही है। इसका एक बड़ा कारण ई-रिक्शा का चौपहिया वाहन की तरह से काम करना। ई-रिक्शा पर लाउड स्पीकर लगा होने के साथ ही प्रचार सामग्री भी रखी हुई है। वहीं प्रत्याशी के तीन-चार समर्थक भी ई-रिक्शा पर बैठकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ई-रिक्शा पर खर्च वाहनों की अपेक्षा बेहद कम आ रहा है। यही वजह है कि प्रत्याशी ई-रिक्शा को ही चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल कर रहे है। चुनाव आयोग ने ई-रिक्शा का खर्च 600 रुपये निर्धारित किया हुआ है। जबकि जीप, टैंपो आदि का प्रतिदिन का खर्च 1700 रुपये है। इसमें चालक की दिहाड़ी अलग है। झबरेड़ा नगर पंचायत के चुनाव अधिकारी पंकज पाठक ने बताया कि अन्य वाहनों की अपेक्षा चुनाव प्रचार के लिए ई-रिक्शा की अनुमति अधिक ली गई है।