हाईवे पर डेरा डाल किसानों ने रोका बाहर का गन्ना
संवाद सूत्र, नारसन: हरियाणा और पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों से आ रही गन्ने की सैकड़ों ट्रै
संवाद सूत्र, नारसन: हरियाणा और पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों से आ रही गन्ने की सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियों को भाकियू कार्यकर्ताओं ने वापस भेज दिया। इस दौरान भाकियू कार्यकर्ताओं और ट्रैक्टर चालकों के बीच नोकझोंक भी हुई। धरने पर बैठे भाकियू कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की।
बाहरी गन्ने को रोकने और प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुये भाकियू कार्यकर्ताओं ने मंडावली गांव के समीप धरना शुरू कर दिया। रविवार को भाकियू के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी के नेतृत्व में किसानों ने हरियाणा और पश्चिमी उप्र से आने वाली गन्ने की ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को वापस कर दिया। भाकियू के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि लिब्बरहेड़ी चीनी मिल पूरी तरह बेलगाम हो चुकी है। स्थानीय किसान का गन्ना नहीं खरीदा जा रहा है और बाहर से गन्ने की तस्करी लगातार जारी है। चीनी मिल के मनमाने रवैये के कारण किसान गेहूं की बुआई करने से वंचित रह गया है। इतना ही नहीं लिब्बरहेड़ी मिल स्थानीय किसानों का गन्ना तो उधार में खरीद रही है जबकि बाहर के किसान के गन्ने का नकद भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने स्थानीय किसानों को ठगने का काम किया है। पहले को गन्ने के दाम एक रुपये प्रति कुंतल घटा दिया, ऊपर से किसानों का गन्ने का भुगतान नहीं दिलवा रही है। जिला महामंत्री अरविंद राठी ने कहा कि चीनी मिल की मनमानी के कारण किसानों को खेतों को छोड़कर आना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब तक स्थानीय किसानों का गन्ना नहीं खरीदा जाता है, तब तक किसी भी सूरत में बाहर का गन्ना प्रदेश की सीमा में घुसने नहीं दिया जाएगा। इस मौके पर राजकमल, मेजर राणा, जय कुमार मुखिया, विकेश बालियान, रोहित राणा, हरपाल ¨सह, चंद्रपाल ¨सह, देवेंद्र, ओमप्रकाश, अमित, इंद्रवीर, नीटू, कृष्णपाल ¨सह, सेठपाल अनुज आदि मौजूद रहे।
संपर्क मार्गों पर भी बैठाया पहरा
नारसन: राजमार्ग पर भाकियू कार्यकर्ताओं के बाहर का गन्ना रोके जाने के बाद से गन्ना माफिया संपर्क मार्गों से गन्ना लेकर आ रहे हैं। इस पर भाकियू कार्यकर्ताओं ने लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की ओर जाने वाले संपर्क मार्गों पर पहरा बैठा दिया है। लिब्बरहेड़ी, मोहम्मदपुर जट, मन्नाखेड़ी आदि गांव के रास्ते पर भी पूरी तरह से नाकेबंदी की गई है।