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यहां नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में दो बाइकें की आग के हवाले, जानिए

किसानों ने नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध करते हुए दो मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 09:05 PM (IST)
यहां नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में दो बाइकें की आग के हवाले, जानिए
यहां नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में दो बाइकें की आग के हवाले, जानिए

रुड़की, जेएनएन। भाकियू की ओर से आयोजित की गई महापंचायत की शुरुआत किसानों ने नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध करते हुए की। इस दौरान उन्होंने दो मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया। किसानों के साथ शहरवासियों ने भी नए मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 

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जिस समय किसान हाईवे से बोट क्लब की ओर जा रहे थे, उस समय दो किसान बाइक लेकर बोट क्लब चौराहे पर पहुंचे और उन्होंने दोनों बाइक को खड़ा कर उन पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मौके पर अफरातफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने भागकर आग को बुझाने की कोशिश की, लेकिन किसानों ने पुलिसकर्मियों को आग बुझाने से रोक दिया। तब तक चौराहे पर शहरवासियों की भीड़ भी जमा हो गई।

किसानों ने नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि नए मोटर व्हीकल एक्ट उत्पीड़न करने वाला है। अधिकांश किसानों के ट्रैक्टर ऋण पर हैं। किसी के पास बीमा नहीं है तो किसी के पास प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं हैं। किसी के भी कागज पूरे नहीं है। ट्रैक्टर को लिए 30 साल से अधिक हो चुके हैं। ऐसे में ट्रैक्टर को सीज किया जा रहा है। देहरादून में तो भैंसा बुग्गी तक का चालान काटा गया है। काफी देर तक नारेबाजी होती रही।

इसके बाद किसान बोट क्लब से डीजीएम दफ्तर परिसर में पहुंच गए। किसानों की भीड़ कम होने पर अग्निशमन की गाड़ी ने मौके पर पहुंचकर आग को बुझाया। इसके बाद दोनों बाइकों के पुर्जों को यहां से हटाकर यातायात सुचारू कर दिया। 

पेड़ों पर चढ़कर भाषण सुनते नजर आए युवा 

पंचायत में जब युवाओं के बैठने की जगह नहीं मिली तो कुछ युवा डीजीएम परिसर में लगे पेड़ों पर चढ़कर भाषण सुनते नजर आए। इतना ही नहीं कुछ किसान तो डीजीएम कार्यालय की छत पर ही चढ़कर बैठ गए। 

महापंचायत खत्म होते ही शहर में लगा जाम 

दोपहर के समय महापंचायत में किसान बेलड़ी से होते हुए सिविल लाइंस, बोट पर पहुंच गए। सभी एक जगह से एकत्र होकर आए थे, लेकिन शाम साढ़े पांच बजे जैसे ही महपंचायत समाप्त हुई तो किसान अपने ट्रैक्टरों को लेकर बेलड़ी, मंगलौर, लंढौरा, इकबालपुर एवं भगवानपुर की ओर जाने लगे, जिसकी वजह से पूरे शहर में जाम की स्थिति बन गई। जिसकी वजह से शहरवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं किसानों का तेवर देख सोमवार को सीपीयू और यातायात पुलिस भी शांत नजर आई। 

रोड गुट ने फिर दिखाया ताकत का एहसास 

भाकियू रोड गुट ने एक बार फिर बोट क्लब पर महापंचायत कर ताकत का एहसास कराया है। स्थिति यह रही कि पूर्व सीएम हरीश रावत, विधायक काजी निजामुद्दीन बड़ी संख्या में किसानों को देखकर गदगद नजर ,आए। हरीश रावत ने जब माइक संभाला तो उनकी पीड़ा भी सामने आ गई। उन्होंने कहा कि जब किसान इतना दुखी है तो भाजपा पर इतनी मेहरबानी क्यों। इसके बाद तो हरीश रावत का दर्द जुंबा पर आ गया।

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उन्होंने कहा कि वह तो किसान के बेटे हैं और किसानों के बीच में ही रहते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को हिन्दू, मुस्लिम,  सिक्ख आदि में नहीं बंटना है। किसान बनकर रहोंगे तो दुनिया की कोई ताकत किसान को उसका हक दिलाने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि छह साल से मोदी सरकार किसानों को धर्म, जाति के नाम पर बांटने का काम कर रही है।

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