Coronavirus: लॉकडाउन में यूपी से नहीं पहुंच रहे कद्दू व्यापारी, उत्पादकों को भारी नुकसान
Lockdown उत्तर प्रदेश के कद्दू व्यापारियों के न आने से किसानों को स्थानीय मंडी में कद्दू बेचने से लागत भी हाथ नहीं आ रही है।
हरिद्वार, बसंत कुमार। लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश के कद्दू व्यापारियों के न आने से किसानों को स्थानीय मंडी में कद्दू बेचने से लागत भी हाथ नहीं आ रही है। इस भारी नुकसान के चलते उत्पादकों ने कद्दू की फसल को खेतों में ही जोतना शुरू कर दिया है।
हरिद्वार के फेरूपुर, बिशनपुर, कुंडी, कटारपुर, रानीमाजरा, जियापोता, अजीतपुर, तेलीवाला आदि में किसानों की ओर से हर साल बड़ी मात्रा में कद्दू की फसल ली जाती है, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के चलते किसनों की ओर से पहले ही तीस से 40 प्रतिशत तक कद्दू की फसल कम बोई थी, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि लॉक डाउन के चलते हर साल सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के बिजनौर, धामपुर, नजीबाबाद, नगीना, नहटौर के कद्दू व्यापारी नहीं आएंगे। किसानों की यह आशंका सही साबित भी हुई।
उप्र के व्यापारियों के नहीं आने से कद्दू ज्वालापुर मंडी में ही दो से तीन पांच रुपये किलो बेचना पड़ रहा है, जिसमें तुड़ाई, निराई-गुड़ाई, ढुलाई और खाली बोरा का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है, जबकि यही कद्दू पहले किसानों के खेतों पर ही उत्तर प्रदेश के व्यपारियों के आने से दस से बीस रुपये प्रति किलो बिक जाया करता था, लेकिन इस साल उनके नहीं आने से सब्जी उत्पादकों की कमर टूट गई है। बिशननपुर के कद्दू उत्पादक तेल्लूराम का कहना है कि इस बार उत्तर प्रदेश के व्यापारियों के न आने से कद्ददू का व्यापार मंदा हो गया है।
इससे उत्पादन के लिए लगाया गया पैसा भी हाथ नहीं आ रहा है। तेल्लीवाला के सोनू ने बताया कि उसने 15 बीघा कद्दू लगाया था, लेकिन दाम न मिलने से उन्हें खेत में ही बहाना पड़ा। अब दूसरी फसल धान लगाएंगे। अजीतपुर के बिन्नू ने बताया कि दस बीघा कद्दू बोया था, लेकिन दाम ही जब नहीं मिले तो उन्होंने खेत में ही फसल को जोत दिया।
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हरिद्वार के मुख्य उद्यान अधिकारी नरेंद्र यादव ने बताया कि वास्तव में कोविड-19 का यह दौर बहुत ही खराब चल रहा है। कभी लॉक डाउन लग जाता है तो कभी सीमाएं सील हो जा रही हैं, हरिद्वार में तो गंगा स्नान पर्व होने के चलते और भी अधिक दिक्कतें आ रही हैं, ऐसे में किसानों को कद्दू के दाम बढऩे का इंतजार करना चाहिए, क्योंकि हर समय एक सा नहीं होता है। क्या पता आने वाले कुछ दिनों में दाम बढ़ जाएं और नुकसान की भरपाई होने के साथ ही लाभ हो जाए।
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