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किसानों ने एसीसी एवं समिति सचिव का किया घेराव

संवाद सहयोगी, मंगलौर: गन्ने की पर्चियां समय से न पहुंचने से परेशान किसानों ने बुधवार को सहाय

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 06:00 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 06:00 PM (IST)
किसानों ने एसीसी एवं समिति सचिव का किया घेराव
किसानों ने एसीसी एवं समिति सचिव का किया घेराव

संवाद सहयोगी, मंगलौर: गन्ने की पर्चियां समय से न पहुंचने से परेशान किसानों ने बुधवार को सहायक गन्ना आयुक्त एवं समिति सचिव का घेराव किया। किसानों ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि 8 दिसंबर तक उनकी समस्या हल नहीं होती है तो किसान 9 दिसंबर से लिब्बरहेड़ी मिल गेट पर जाम लगाएंगे और 10 किसान जहर खाकर आत्महत्या करेंगे।

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लिब्बरहेड़ी चीनी मिल एवं गन्ना समिति के बीच समन्वय नहीं बन पा रहा है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। गन्ना किसानों के पास समय से पर्चियां नहीं पहुंच रही है। इसके चलते तीन दिन से किसान गन्ना समिति कार्यालय पर धरना दे रहे हैं। बुधवार को सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र ¨सह एवं लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति सचिव सूरजभान किसानों के बीच पहुंचे। इस पर किसानों ने उनका घेराव किया। किसानों ने आरोप लगाया कि चीनी मिल प्रबंधन की ओर से मनमानी की जा रही है। इसके अलावा किसानों को पर्चिया नहीं दी जा रही हैं। गन्ना पर्चियों को लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति से ही जारी किया जाए। काफी देर तक हंगामा होता रहा। सहायक गन्ना आयुक्त ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। सहायक गन्ना आयुक्त ने बताया कि फिलहाल लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति से जुड़ी समस्या का हल नहीं निकल पाया है। किसानों से बातचीत जारी है। वहीं किसान धरने पर बैठे हुए हैं।

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एसीसी के सामने ही भिड़ गए किसानों के दो गुट

मंगलौर: जिस समय सहायक गन्ना आयुक्त किसानों से वार्ता कर रहे थे। तभी एक गुट वहां पर पहुंच गया। इस गुट ने कहा कि लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति से गन्ना पर्चियों की छपाई नहीं की जाए। वरन जहां से पर्चियां छप रही हैं, वहां से ही पर्चियों को जारी किया जाए। यह व्यवस्था लागू होनी चाहिए। वहीं धरने पर बैठे किसानों ने इसका विरोध किया। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। एक दूसरे पर किसानों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए। जिस पर सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र ¨सह ने किसी तरह से किसानों को शांत कराया। इसके बाद फिर से किसानों के बीच नोकझोंक हो गई। एक गुट लिब्बरहेड़ी समिति से ही गन्ना पर्चियों को जारी करने की मांग कर रहा है।


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