किसानों ने बैंकों पर लगाया मनमानी करने का आरोप
किसानों ने बैंकों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की है।
जागरण संवाददाता, रुड़की: किसानों ने बैंकों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की है। किसानों ने आरोप लगाया कि बैंक गन्ने के भुगतान की रकम को 20 से 25 दिन तक खाते में जमा नहीं करता है। किसानों की रकम पर ब्याज की कमाई की जा रही है। जबकि किसानों से वसूली की जा रही है।
सिविल लाइंस में बुधवार को उत्तराखंड किसान मोर्चा की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि चीनी मिलें बेहद धीमी गति से किसानों के गन्ने का भुगतान कर रही है। मई बीत गया है, लेकिन किसी भी चीनी मिल ने फरवरी का भी भुगतान नहीं दिया है। साथ ही, गन्ना समितियों से भुगतान बैंकों को भेजा जा रहा है, लेकिन बैंक के स्तर से बड़ा खेल किया जा रहा है। अधिकांश बैंक समितियों से आने वाले भुगतान को खाते में डाल लेते हैं। इसके बाद 20 से 25 दिन तक यह भुगतान किसानों के खाते में नहीं भेजा जाता है। इसकी वजह से किसानों में रोष है। जबकि किसानों से बैंक 12 फीसद तक ब्याज वसूल करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से मिलेगा। बैठक में वीरेन्द्र सैनी, महकार सिंह, दीपक पुंडीर, आकिल, राजपाल सिंह, राजेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह ने विचार व्यक्त किए।
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गन्ना आयुक्त ने जारी किए निर्देश
रुड़की: गन्ना भुगतान में हो रही देरी के मामले को गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने सहायक गन्ना आयुक्त एवं समिति सचिवों को निर्देश दिए कि गन्ना किसानों की आजीविका का एक मात्र साधन गन्ने का भुगतान है। ऐसे में भुगतान में हो रही देरी गंभीर है। यदि बिना वजह भुगतान रोका जाता है तो प्रभारी सचिव इसके लिए जिम्मेदार होंगे। सहायक गन्ना आयुक्त इस मामले में उच्च अधिकारियों को अवगत कराएंगे।