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बेबस किसान भूले भुगतान, पेराई सत्र का इंतजार

जागरण संवाददाता, रुड़की : इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसान अब बकाया भुगतान मांगने के ब

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 09:25 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 09:25 PM (IST)
बेबस किसान भूले भुगतान, पेराई सत्र का इंतजार
बेबस किसान भूले भुगतान, पेराई सत्र का इंतजार

जागरण संवाददाता, रुड़की : इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसान अब बकाया भुगतान मांगने के बजाय पेराई सत्र शुरू करने की मांग कर रहे हैं। विभाग से दूसरी चीनी मिलों के क्रय केंद्र स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि गन्ना कोल्हू में रेट काफी कम हो चले हैं और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चली है। वहीं अधिकांश किसानों को गन्ने के खेत खाली कर गेहूं की बुआई करनी पड़ रही है।

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इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े 22 हजार गन्ना किसान परेशान है। चीनी मिल ने विगत पेराई सत्र के गन्ने का भुगतान नहीं किया है। चीनी मिल पर 145 करोड़ रुपये का बकाया है। इसको लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। बावूजद इसके भुगतान को लेकर कोई उम्मीद फिलहाल किसानों को नजर नहीं आ रही है। वहीं गन्ने की फसल पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने तो करीब सप्ताह भर से गन्ने की खरीद तक शुरू कर दी है। लक्सर चीनी मिल ने भी खरीद जारी कर दी है। ऐसे में इकबालपुर चीनी मिल चालू नहीं हो पा रही है। इसको लेकर किसान परेशान है। किसान रिजवान अहमद, अल्लादिया, प्रेम ¨सह आदि का कहना है कि गन्ने की फसल ऐसी है जिसको स्टोर नहीं किया जा सकता। गन्ना कोलूह में किसान का गन्ना 250 रुपये से भी कम कीमत में खरीदा जा रहा है। जबकि सरकार का जो भाव है वह 330 रुपये कुंतल है। ऐसे में किसान को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस समय गेहूं की बुआई भी करनी हैं लेकिन गन्ने के खेत खाली नहीं है। उन्होंने मांग उठाई कि कम से कम दूसरी चीनी मिलों के ही क्रय केंद्र को स्थापित किया जाए। इस संबंध में सहायक गन्ना आयुक्त शैलेंद्र ¨सह ने बताया कि चीनी मिल प्रबंधन से वार्ता चल रही है। दिसंबर के पहले सप्ताह में मिल के चालू होने की उम्मीद है।


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