दारोगा बनकर चोरी करने वाला शातिर चोर गिरफ्तार Haridwar News
दारोगा बनकर चार दिन में चोरी की दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर चोर को ज्वालापुर कोतवाली की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
हरिद्वार, जेएनएन। दारोगा बनकर चार दिन में चोरी की दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर चोर को ज्वालापुर कोतवाली की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से करीब 17 हजार की नगदी और दो मोबाइल बरामद हुए हैं। वह इसी तरह तीसरी घटना को अंजाम देने की फिराक में था, उसी दौरान पुलिस ने उसे धर दबोचा।
पुलिस के मुताबिक ज्वालापुर आर्यनगर क्षेत्र में एसबीआइ का ग्राहक सेवा केंद्र चलाने वाली शीतल के मोबाइल फोन पर चार दिन पहले अंजान नंबर से कॉल आई थी। बात करने वाले शख्स ने खुद को दारोगा बताया और उनके खिलाफ शिकायत का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए पहले सिंहद्वार और फिर कनखल थाने बुलाया गया।
उसी दौरान सेंटर का ताला तोड़कर 39 हजार की नगदी पर हाथ साफ कर दिया गया। इसी तरह मंगलवार को शिवालिकनगर में मेडिकल स्टोर चलाने वाले रजनीश को एक व्यक्ति ने दारोगा बनकर कॉल की और रानीपुर कोतवाली बुलाया। तभी मेडिकल स्टोर से 57 हजार की नगदी चोरी कर ली गई।
ज्वालापुर कोतवाल योगेश सिंह देव ने रेल चौकी प्रभारी सुनील रावत, कांस्टेबल निर्मल व हेमंत के साथ मिलकर शातिर की धरपकड़ के लिए जाल बिछाया। मोबाइल फोन की लोकेशन, कॉल डिटेल आदि भी खंगाली गई। आखिरकार शातिर चोर अहबाबनगर ज्वालापुर से धर लिया गया। उसने अपना नाम शाकिर निवासी एक्कड़, थाना पथरी हरिद्वार बताया। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय व सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने ज्वालापुर कोतवाली पहुंचकर आरोपित से पूछताछ की।
कोतवाल योगेश सिंह देव ने बताया कि शाकिर ऐसी दुकान या कार्यालय की तलाश करता था, जिसके आसपास ज्यादा चहल-पहल न हो। बाहर लिखे बोर्ड या अन्य किसी माध्यम से मोबाइल नंबर जुटाकर उन्हें दारोगा बताते हुए थाने कोतवाली बुला लेता था। वह फिर इसी तरह घटना को अंजाम देने वाला था। बताया कि उसके कब्जे से दोनों घटनाओं से जुड़ी 17 हजार की नगदी और दो मोबाइल बरामद हुए हैं।
पैरोल पर हुआ था रिहा, टीवी से आया आइडिया
कोरोना संक्रमण के चलते हरिद्वार जिला कारागार से पैरोल पर रिहा हुए करीब 88 कैदियों में शाकिर भी शामिल था। उसके खिलाफ चोरी के तमाम मुकदमे दर्ज हैं और कई बार जेल जा चुका है। पैरोल पर रिहा होने के बाद शाकिर फिर से अपने पुराने धंधे में लग गया।
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आठवीं पास शाकिर के दिमाग में चोरी का यह नया आईडिया एक टीवी सीरियल देखकर आया था। उसे यह भी मालूम था कि मोबाइल का इस्तेमाल करने से पुलिस उसे बहुत जल्द ढूंढ सकती है। इसलिए वह कॉल करने के तुरंत बाद मोबाइल आफ कर देता था। पूछताछ में शाकिर ने कुबूल किया कि तीसरी घटना को अंजाम देने के बाद वह सिम बंद करने वाला था। कोतवाल योगेश देव ने बताया कि सिम किसकी आइडी पर लिया गया था। इस बारे में भी पता किया जा रहा है।
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