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आइआइटी रुड़की से निष्कासित छात्र धरने पर बैठक

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की से निष्कासित छात्र नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले से नाखुश होकर आइआइटी परिसर में धरने में बैठ गए। उनके समर्थन में दर्जनों आइआइटी के छात्र भी धरने पर बैठे। वहीं, छात्रों को समझाने के लिए डीन ऑफ स्‍टूडेंट वेलफेयर मौके पर पहुंच गया है।

By sunil negiEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2015 11:01 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2015 11:05 AM (IST)
आइआइटी रुड़की से निष्कासित छात्र धरने पर बैठक

रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की से निष्कासित छात्र नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले से नाखुश होकर आइआइटी परिसर में धरने में बैठ गए। उनके समर्थन में दर्जनों आइआइटी के छात्र भी धरने पर बैठे। वहीं, छात्रों को समझाने के लिए डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर मौके पर पहुंच गया है।
बताते चलें कि आइआइटी प्रबंधन ने पहले और दूसरे सेमेस्टर में पांच से कम सीजीपीए वाले 73 छात्रों को 15 जून को निष्कासित कर दिया था। लिपिकीय गलती की वजह से इस सूची में शामिल एक छात्र को प्रबंधन ने अगले ही दिन वापस ले लिया था, जबकि 72 अन्य का निष्कासन बरकरार रखा।

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निष्कासित छात्रों और उनके अभिभावकों के अनुरोध पर पिछले दिनों सीनेट की बैठक में भी इस पर मंथन हुआ, लेकिन प्रबंधन ने फैसला नहीं बदला। इस बीच, 59 छात्रों ने प्रबंधन के फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

बुधवार को न्यायाधीश आलोक सिंह की एकलपीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की। याचीकर्ताओं ने तर्क दिया था कि आइआइटी के रेगुलेशन-33 के अनुसार उन्हीं छात्रों को निष्कासित किया जा सकता है, जो प्रथम वर्ष के अंत में निर्धारित अर्न क्रेडिट व सीजीपीए लाने में असफल रहते हैं।

उनका अर्न क्रेडिट निर्धारित 22 अंक से अधिक है, इसलिए उनका पंजीकरण निरस्त नहीं किया जा सकता। आइआइटी प्रबंधन की तरफ से अधिवक्ता विपुल शर्मा ने दलील दी कि संस्थान के रेगुलेशन के अनुसार ही यह कदम उठाने की जानकारी दी।

सुनवाई के दौरान दो छात्रों अनुराग व मोहम्मद सैफ अनवर के अधिवक्ता ने अदालत को बताया गया कि इन दोनों छात्रों का सीजीपीए निर्धारित मापदंड के अनुरूप है। इस पर कोर्ट ने इस मामले में आइआइटी प्रबंधन को एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा है।

अन्य छात्रों की याचिकाओं को अदालत ने सीजीपीए निर्धारित मानक के बराबर नहीं होना बताकर खारिज कर दिया। इधर, आइआइटी प्रबंधन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखा के छात्र राकेश का निष्कासन रद्द कर दिया। उप निदेशक डा. विनोद कुमार ने बताया कि गलती से राकेश का एनएसएस ग्रेड नहीं जुड़ा था, इस जोड़कर उसका सीजीपीए 5.06 हो गया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में दो अन्य छात्रों के बारे में पुनर्विचार किया जाएगा। अगले कदम पर विचार किया जाएगा।
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