बकाया भुगतान पर गरजे किसान, लगाया जाम
जागरण संवाददाता, रुड़की: बकाया भुगतान को लेकर सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियों में पहुंचे कि
जागरण संवाददाता, रुड़की: बकाया भुगतान को लेकर सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियों में पहुंचे किसानों ने दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग पर कब्जा जमाया। करीब चार घंटे तक किसानों ने हाईवे पर महापंचायत की और केंद्र एवं राज्य सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। डीएम को किसान विरोधी करार देते हुए जिले से हटाने की मांग की। किसानों का गुस्सा देख सहायक गन्ना आयुक्त 46 करोड़ रुपये के चेक लेकर किसानों के बीच पहुंचे। जेएम के आश्वासन के बाद किसानों ने हाईवे से कब्जा हटाया।
उत्तराखंड किसान मोर्चा के बैनर तले किसान महीने भर से रुड़की जेएम कार्यालय पर धरना दे रहे हैं। बुधवार को किसानों ने महापंचायत का एलान किया था। सुबह से ही बोट पर किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पहुंचना शुरू हो गए। दोपहर तक सैकड़ों किसान बोट क्लब पर जमा हो गए। इसके बाद किसान जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के आवास पर पहुंचे और राजमार्ग पर जाम लगाकर महापंचायत शुरू कर दी। किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने कहा कि उत्तराखंड के अंदर सरकार निजी चीनी मिलों के हाथों की कठपुतली बन गई है। किसान की कोई सुनवाई नहीं है। उन्होंने डीएम पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। कहा कि चीनी मिलों से उनको बात करने का समय हैं लेकिन किसान की पीड़ा सुनने के लिए समय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में किसानों के हितों की लड़ाई लड़ रहे किसान नेता सरदार बीएम ¨सह ने कहा कि देश में 72 साल के शासन में कुछ नहीं बदला है। किसान कल भी धरना दे रहा था, आज भी दे रहा है आगे आने वाली पीढ़ी भी धरने पर बैठेगी। इस मौके पर पश्चिमी उप्र के किसान नेता भगत ¨सह वर्मा, चौधरी कटार ¨सह, पूर्व विधायक अमरीष कुमार, आदित्य चौधरी आदि ने महापंचायत को संबोधित किया। इस बीच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडलेवाल भी सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र ¨सह को लेकर किसानों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि बाहर का गन्ना किसी भी कीमत पर नहीं आने दिया जाएगा। सहायक गन्ना आयुक्त ने बताया कि लक्सर चीनी मिल ने 32 करोड़ रुपये, लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने 14 करोड़ रुपये दिए हैं। इकबालपुर ने सोमवार तक छह करोड़ देने की बात कही है। दो दिन में आगे के भुगतान के लिए भी रूपरेखा तैयार कर कर ली जाएगी। इस पर किसानों ने महापंचायत को समाप्त कर दिया। साथ ही एलान किया कि धरना जारी रहेगा।
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किसानों के जाम से यात्री रहे परेशान
रुड़की: राजमार्ग पर उमड़ी किसानों की भीड़ से जबरदस्त जाम लग गया। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि किसानों की ओर से पब्लिक स्कूलों से अपील की गई थी कि वह एक बजे से पहले छुट्टी कर दे। इसके चलते अधिकांश पब्लिक स्कूलों ने साढ़े ग्यारह बजे छुट्टी कर दी थी। जिससे वजह से बच्चे समय से स्कूल पहुंच गए। वहीं दूसरी ओर पुलिस की ओर से भी वाहनों को सिविल लाइंस से वोट क्लब एवं एसडीएम चौराहा होते हुए दिल्ली एवं देहरादून भेजा गया। जहां, तहां फंस गए वाहन
रुड़की: किसानों की ओर से लगाए गए जाम के चलते रुड़की कचहरी में प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर अधिवक्ताओं के वाहन फंस गए। शाम छह बजे के बाद जब किसानों ने हाईवे से पंचायत खत्म की, तब कहीं जाकर किसानों ने ट्रैक्टरों को हटाया। इसके बाद ही कचहरी से वाहन निकलना शुरू हो गए। बुलानी पड़ी अतिरिक्त पुलिस
रुड़की: किसानों के तेवर देख प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। इसके बाद लक्सर, खानपुर, बहादराबाद, बुग्गावाला, झबरेड़ा समेत दूर दराज के थानों से भी एसओ पुलिसबल लेकर मौके पर पहुंच गए। हालांकि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए किसानों को मना लिया।
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यह है किसानों की प्रमुख मांगे
- किसानों का बकाया 386 करोड़ रुपये का हो तुरन्त भुगतान
- लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की मनमानी पर तत्काल लगे रोक
-लिब्बरहेड़ी में अगेती एवं सामान्य प्रजाति की एक साथ हो खरीद
- मिल चलने से पहले घोषित हो गन्ने का दाम
- एक्ट के अनुसार 14 दिन में कराया जाए गन्ने का भुगतान
-बाहरी गन्ने की खरीद को सख्ती के साथ रोका जाए।
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एक साथ आए कई किसान संगठन
रुड़की: उत्तराखंड किसान मोर्चा की ओर से बुलाई गई महापंचायत में कई किसान संगठन एक साथ आए। राष्ट्रीय किसान संगम, किसान क्लब, भारतीय किसान मजूदर संघ समेत कई संगठनों के किसान नेताओं ने प्रतिभाग किया।