ई-पंचायत का सपना अधूरा, 37 गांवों में नहीं पंचायत भवन
विनोद श्रीवास्तव, हरिद्वार केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्र
जागरण संवाददाता, हरिद्वार
केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राम पंचायतों को हाईटेक बनाकर पंचायत भवनों को ई पंचायत के रूप में विकसित करने का सपना है। इसका मकसद केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं का सीधे ग्रामीण जनता तक पहुंचानी है। यह जानकारी पंचायत घरों में इंटरनेट के माध्यम से दी जानी है। लेकिन हरिद्वार जनपद में 37 पंचायतों के पास भवन नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया की महत्वाकांक्षी योजना हरिद्वार जनपद में दम तोड़ती नजर आ रही है। योजना को सफल बनाने के लिए 2016 में जिले के सभी 308 ग्राम पंचायतों में आप्टिकल फाइबर डालकर उनको इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ने की मुहिम नोफेन के माध्यम से चली। मगर तीन साल बीतने के बाद न तो नोफेन नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्शन देकर कंप्यूटर के माध्यम से पंचायत घर में ही केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए योजना को आगे बढ़ाया गया। लेकिन अधिकांश पंचायतों में पंचायत भवन नहीं होने से महत्वकांशी योजना का सपना टूटता नजर आ रहा है। पंचायत घर बनवाने के लिए विभाग बजट की राह जोह रहा है। जिला योजना में प्रस्ताव देने के बाद भी अभी तक 37 ग्राम पंचायत में पंचायत घर बनाने के लिए बजट नहीं मिला। इन ग्राम पंचायतों में नहीं है पंचायत भवन
विकास खंड बहादराबाद-ग्राम पंचायत आदर्श टिहरी नगर, अलीपुर इब्राहीमपुर, चांदपुर, कांगड़ी, सजनपुर पीली, डालूवाला खुर्द, नगलाखुर्द, भोवापुर चमरावल, टिक्कमपुर, धनपुरा
विकास खंड रुड़की-नन्हेड़ा अनंतपुर, ब्रह्मपुर शंकरपुरी, मरगूबपुर दीदाहेड़ी, हल्वाहेड़ी, टोंडा कल्याणपुर
विकास खंड भगवानपुर-वाहपुर छांगामजरी, दरियापुर दयालपुर, हसनावाला, चुड़ियाला मोहनपुर विकास खंड नारसन
बसवाखेड़ी, नत्थूखेड़ी, निजामपुर, बूढ़पुर नूरपुर, सुसाड़ी खुर्द, नगला चीना, आमखेड़ी विकास खंड लक्सर
रामपुर रायघटी, खेड़ी मुबारिकपुर, दाबकी कला, लादपुर कला, बाड़ीटीप विकास खंड-खानपुर
कान्हेवाली राय¨सह, गिद्धावाली, चंद्रपुरी बांगर, खानपुर, दल्लावाला, जोगावाला शासन व निदेशालय को पंचायत घरों के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं। साथ ही जिला योजना में भी इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया था। मगर इसकी मंजूरी न मिलने से पंचायत घर नहीं बना। फिलहाल योजना के तहत 125 ग्राम पंचायतों में नोफेने के माध्यम से आप्टिकल फाइबर डाले जाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इनको ई-पंचायत सिस्टम से जोड़ दिया गया है। रमेश चंद्र त्रिपाठी, जिला पंचायत राज अधिकारी