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शहर में सीपीयू एवं ऊर्जा निगम के बीच फिर ठनी

जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर में एक बार फिर ऊर्जा निगम के कर्मचारी एवं सीपीयू आमने-साम

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 03:01 AM (IST)
शहर में सीपीयू एवं ऊर्जा निगम के बीच फिर ठनी
शहर में सीपीयू एवं ऊर्जा निगम के बीच फिर ठनी

जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर में एक बार फिर ऊर्जा निगम के कर्मचारी एवं सीपीयू आमने-सामने आ गए हैं। शुक्रवार शाम को बोट क्लब पर सीपीयू ने एक लाइनमैन का चालान काट दिया। आक्रोशित ऊर्जा निगम के कर्मचारियों ने उच्च अधिकारियों को इस बात की सूचना दी और पुलिस यातायात लाइन के पास लगे पीएसी के कैंप की बिजली काटने के लिए चले गए। इस बात को लेकर पीएसी जवानों एवं निगम के कर्मचारियों के बीच नोकझोंक हो गई। आक्रोशित कर्मचारी एसपी देहात के कार्यालय पर पहुंच गए। एसपी देहात के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।

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शनिवार शाम को ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर लाइन में फॉल्ट आ गया। जिस पर ऊर्जा निगम के लाइनमैन फॉल्ट को दुरुस्त कर रहे थे। इसी दौरान एक पेड़ की टहनी काटने के लिए लाइनमैन दुष्यंत कुल्हाड़ी लेने के लिए नीलम बिजलीघर पर जा रहा था। कार्यालय के बाहर निकलते ही बोट क्लब पर उसका चालान काट दिया। लाइनमैन ने सीपीयू के जवानों को बताया कि वह सामने दफ्तर से आया है। इमरजेंसी में उसको कुल्हाड़ी लानी है। सीपीयू के जवान नहीं माने। इसके बाद लाइनमैन ने अपने साथियों को इस बारे में जानकारी दी। जिस पर आक्रोशित 25-30 लाइनमैन एकत्र होकर यातायात पुलिस लाइन के पास पीएसी के कैंप पर पहुंच गए और यहां पर पीएसी के जवानों द्वारा डाली गई केबल को काटने लगे। इस बात को लेकर पीएसी के जवान एवं लाइनमैनों के बीच नोकझोंक हुई। इसके बाद लाइनमैन एसपी देहात के आवास पर पहुंचे और बताया कि सीपीयू उनको ही निशाना बना रही है। एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने कर्मचारियों को शांत किया और बताया कि वह हेलमेट लगाएं। साथ ही उन्होंने पुलिसकर्मियों को भी हिदायत दी कि यदि कोई इमरजेंसी हैं तो लाइनमैन को न रोका जाए। दूसरी ओर अधिशासी अभियंता शहरी क्षेत्र अनूप कुमार सैनी ने बताया कि विवाद सुलझ गया है। पिछले साल भी हुआ था विवाद

रुड़की: ऊर्जा निगम एवं सीपीयू के बीच पिछले साल भी विवाद हुआ था। गाड़ी पर नेम प्लेट लगी होने पर सीपीयू ने चालान काट दिया था। इसके बाद निगम की ओर से सीपीयू, यातायात दफ्तर, होमगार्ड दफ्तर आदि की बिजली काट दी गई थी। तब भी कई दिनों तक यह विवाद बना रहा था। बाद में उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप पर मामला सुलझा।


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