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करोड़ों खर्च होने पर भी क्षतिग्रस्त लाइनों से छुटकारा नहीं

जागरण संवाददाता, रुड़की: पेयजल प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहरवासिया

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 03:00 AM (IST)
करोड़ों खर्च होने पर भी क्षतिग्रस्त लाइनों से छुटकारा नहीं
करोड़ों खर्च होने पर भी क्षतिग्रस्त लाइनों से छुटकारा नहीं

जागरण संवाददाता, रुड़की: पेयजल प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहरवासियों को पानी की किल्लत से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। दरअसल एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की ओर से शहर में पेयजल प्रोजेक्ट के तहत नई लाइन डालने के साथ ही तीन ओवरहेड टैंक और आठ नये ट्यूबवेलों का निर्माण किया गया है, लेकिन लगभग 50 वर्ष पुरानी राइ¨जग लाइनों को नहीं बदला गया। इस संबंध में एडीबी का तर्क है कि राइ¨जग लाइन को बदलना पेयजल प्रोजेक्ट में शामिल नहीं था। उधर, अब जर्जर राइ¨जग लाइन मुसीबत का सबब बनने लगी हैं।

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शहर में पुरानी पेयजल लाइनों के साथ ही पुरानी राइ¨जग मेन पाइप लाइन भी जर्जर अवस्था में है। वहीं राइ¨जग लाइन के माध्यम से ही ट्यूबवेल से पानी ओवरहेड टैंक पर पहुंचता है, जिससे उपभोक्ताओं को सुबह और शाम पानी की आपूर्ति की जाती है। उधर, पेयजल प्रोजेक्ट के तहत एडीबी ने लगभग 51 करोड़ रुपये की लागत से 197 किमी में नई पेयजल लाइन और तीन ओवरहेड टैंक बनाए हैं। नई लाइनों से उपभोक्ताओं को पानी की आपूर्ति भी चालू कर दी गई है। वहीं दस करोड़ रुपये के बजट से आठ नए ट्यूबवेल भी बनाए गए हैं। नई लाइन डालने से उपभोक्ताओं को उम्मीद थी कि जर्जर लाइनों के बार-बार क्षतिग्रस्त होने की समस्या से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा लेकिन अब वर्षों पुरानी राइ¨जग लाइनों के क्षतिग्रस्त होने की समस्या सामने आने लगी है।

रामनगर में शिव चौक के समीप पांच दिन पहले राइ¨जग लाइन पर दबाव पड़ने के कारण वह टूट गई थी, जिससे उपभोक्ताओं को पानी की किल्लत से जूझना पड़ा था। उधर, शहर में करीब दो हजार मीटर पुरानी राइ¨जग मेन पाइप लाइन है जो जर्जर अवस्था में है। जल संस्थान के सहायक अभियंता राजेश कुमार निर्वाल के अनुसार जनवरी 2017 में विभाग की ओर से एडीबी को नई राइ¨जग मेन पाइप लाइन डालने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था लेकिन कार्यदायी संस्था की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। बताया कि अब जल निगम को अमृत योजना के तहत राइ¨जग लाइन डालने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। उधर, एडीबी के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर आरके रजवार के अनुसार राइ¨जग लाइन डालने का कार्य पेयजल प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं था। जल संस्थान की ओर से टेंडर हो जाने के बाद प्रस्ताव भेजा गया था।


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