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लंगरखाने से ही बंटा सूफी संतों को लंगर

मेहंदी डोरी की रस्म एवं झंडा कुसाई की रस्म के बाद रविवार से लंगरखाने से लंगर बंटना शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 06:37 PM (IST)
लंगरखाने से ही बंटा 
सूफी संतों को लंगर
लंगरखाने से ही बंटा सूफी संतों को लंगर

संवाद सूत्र, कलियर: मेहंदी डोरी की रस्म एवं झंडा कुसाई की रस्म के बाद रविवार से लंगरखाने से लंगर बंटना शुरू हो गया है। साथ ही, यहां पर बड़ी संख्या में सूफी-संत पहुंचना शुरू हो गए हैं।

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दरगाह पिरान कलियर का सालाना उर्स शुरू हो चुका है। यहां पर बड़ी संख्या में जायरीन जियारत करने के लिए पहुंचना शुरू हो गए हैं। दरगाह का लंगरखाना भी चालू हो चुका है। दो दिसंबर तक लंगरखाने से सूफी-संतों को लंगर वितरित किया जाएगा। इस संबंध में लंगर इंचार्ज राव सिकंदर ने बताया कि मानक के अनुसार लंगर तैयार किया जाएगा। यहां पर लंगर तैयार करने के बाद उसको शारीरिक दूरी का पालन करे हुए अब नियमित रूप से वितरित किया जाएगा।

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टूटी सड़क के बीच दरगाह का सालाना उर्स शुरू

सवांद सूत्र कलियर: दरगाह का 752वां सालाना उर्स शुरू हुए सात दिन बीत गए। व्यवस्थाओं के नाम पर अभी तक कुछ नहीं हो पाया है।

कोरोना संक्रमण काल के चलते दरगाह की व्यवस्थाएं ठप पड़ी हैं। बिजली, पानी, साफ सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शाम होते ही यहां पर अंधेरा छा जाता है। रुड़की एवं बहादराबाद से कलियर आने वाली गंगनहर की पटरियों की सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। धूल के गुब्बार उड़ रहे हैं। जिसकी वजह से यहां पर आने वाले जायरीनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों के गड्ढे तक नहीं भरे गए है। इसके अलावा दरगाह क्षेत्र के शौचालयों को भी दुरुस्त नहीं किया गया है। दरगाह प्रबन्धक हारून अली ने बताया कि उर्स की व्यवस्थाओं के संबंध में पूर्व में ही सभी विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखे जा चुके हैं।


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