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निर्मल अखाड़े में कोठारी महंत को लेकर विवाद, पुलिस तैनात

कनखल में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत पद को लेकर विवाद बढ़ गया है। हाई कोर्ट से बहाली का आदेश लेकर पहुंचे महंत गोपालदास अखाड़े में प्रवेश नहीं कर पाए। जिसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ अखाड़े के गेट पर ही धरना शुरू कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 03:00 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 03:00 AM (IST)
निर्मल अखाड़े में कोठारी महंत को लेकर विवाद, पुलिस तैनात
निर्मल अखाड़े में कोठारी महंत को लेकर विवाद, पुलिस तैनात

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कनखल में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत पद को लेकर विवाद बढ़ गया है। हाई कोर्ट से बहाली का आदेश लेकर पहुंचे महंत गोपालदास अखाड़े में प्रवेश नहीं कर पाए। जिसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ अखाड़े के गेट पर ही धरना शुरू कर दिया। अखाड़े का गेट शनिवार रात से बंद है। वहीं अखाड़े के अंदर मौजूद श्रीमहंत ज्ञानदेव ¨सह ने महंत गोपाल दास व उनके समर्थकों पर कब्जे का प्रयास करने का आरोप लगाया है। तनाव की स्थिति को देखते हुए अखाड़े के बाहर पुलिस तैनात की गई है।

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निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत गोपालदास को करीब डेढ़ साल पहले गबन के आरोप में हटा दिया गया था। शनिवार देर शाम महंत गोपालदास नैनीताल हाई कोर्ट का एक आदेश लेकर वापस अखाड़ा पहुंचे। लेकिन, अखाड़े का गेट बंद होने के चलते वह अंदर नहीं जा पाए। उनके समर्थन में पंजाब व हरियाणा से पहुंचे संतों ने धरना शुरू कर दिया। शनिवार रात के बाद रविवार को दिनभर महंत गोपालदास व समर्थक अखाड़ा गेट के बाहर धरने पर बैठे रहे। उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कराने का आरोप लगाया है। वहीं अखाड़े के अंदर मौजूद श्रीमहंत ज्ञानदेव शास्त्री ने आरोप लगाया कि महंत गोपालदास व उनके समर्थक अखाड़े पर कब्जा करना चाहते हैं। महंत जस¨वद्र शास्त्री, महंत सतनाम ¨सह, महंत खेम¨सह, महंत अनूप ¨सह, सिमरनजीत ¨सह आदि ने अखाड़े के गेट पर धरना दे रहे गोपालदास व उनके समर्थकों को हटाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि अखाड़े की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की साजिश रची गई है, जिसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। मामले में प्रभारी सिटी मजिस्ट्रेट नुपुर वर्मा ने दोनों पक्षों से बातचीत की, पर कोई हल नहीं निकल पाया। रविवार रात तक महंत गोपालदास पक्ष कोठारी महंत का चार्ज लेने के लिए अखाड़ा गेट के बाहर बैठे हुए थे। जबकि, महंत ज्ञानदेव ¨सह आदि अखाड़े के अंदर मौजूद थे। लॉ एंड आर्डर की स्थिति को देखते हुए एसओ कनखल हरिओम राज चौहान के साथ पुलिस बल व पीएसी के जवान अखाड़े के बाहर मुस्तैद रहे। खुफिया विभाग भी हर गतिविधि पर नजर रख रहा है।

ज्ञानदेव ने जताया हत्या का अंदेशा

श्रीमहंत ज्ञानदेव ¨सह ने पत्रकारों से वार्ता कर आरोप लगाया कि महंत गोपालदास व उनके समर्थक दवाएं भी अंदर नहीं लाने दे रहे हैं, जबकि वह बीमार हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़े में भय का माहौल है और वे लोग मेरी हत्या करा सकते हैं। वहीं महंत गोपालदास व उनके समर्थकों ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि अखाड़ा उनका घर है। अपने घर पर कोई कब्जा नहीं किया करता। उनका कहना था कि कोठारी महंत का चार्ज मिलने तक शांतिपूर्ण तरीके से धरना जारी रहेगा। उनके साथ महंत जगतार ¨सह, महंत रेशम ¨सह, महंत महावीर ¨सह, महंत अमरीक ¨सह, महंत सतनाम ¨सह, महंत चमकोर ¨सह, महंत भूपेंद्र ताजेवाला आदि मौजूद रहे।

सचिव पद पर भी हो चुका है विवाद

अखाड़े में करीब डेढ़ साल पहले कोठारी महंत के साथ-साथ सचिव पद को लेकर भी विवाद हुआ था। अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव ¨सह ने सचिव पद से महंत बलवंत ¨सह को हटा दिया था। जिस पर मामला कोर्ट तक पहुंचा। बाद में पंजाब व हरियाणा के कुछ संतों की मध्यस्थता के बाद सचिव पद का विवाद आंशिक रूप से सुलझ गया। मगर अखाड़े में कोठारी महंत का कामकाज महंत जस¨वद्र ¨सह शास्त्री देखते आ रहे हैं। अब कोठारी महंत को लेकर विवाद तूल पकड़ गया है।

पुलिस चौकन्नी, प्रशासन मूकदर्शक

मामले में प्रशासन के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। पुलिस सिर्फ शांति व्यवस्था के लिए मौके पर मुस्तैद है। लेकिन, अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन कराते हुए महंत गोपालदास को चार्ज दिलाएं या फिर महंत ज्ञानदेव ¨सह की मांग पर दूसरे पक्ष को अखाड़े के गेट से हटाएं।


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