मशरूम की व्यावसायिक खेती व विपणन पर चर्चा
किसानों को कार्यशाला में मशरूम की खेती से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही छोटे-छोटे प्रयासों से भी उद्यमिता की शुरुआत करने के लिए किसानों एवं ग्रामीणों को प्रेरित किया गया।
जागरण संवाददाता, रुड़की: किसानों को कार्यशाला में मशरूम की खेती से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही छोटे-छोटे प्रयासों से भी उद्यमिता की शुरुआत करने के लिए किसानों एवं ग्रामीणों को प्रेरित किया गया।
उन्नत भारत अभियान क्षेत्रीय समन्वय संस्थान-भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की की ओर से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गुरुवार को मशरूम की खेती विषय पर ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई। मुख्य वक्ता के रूप में मशरूम लेडी ऑफ उत्तराखंड के नाम से प्रसिद्ध मशरूम उत्पादक किसान दिव्या रावत उपस्थित रही। उन्होंने मशरूम की व्यावसायिक खेती, विपणन और इससे जुड़े हुए अन्य आवश्यक पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने ग्रामीणों व किसानों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए मशरूम की खेती के प्रशिक्षण और अन्य संबंधित पहलुओं से अवगत कराया। साथ ही कार्यशाला के सहभागिता सत्र में प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर दिया। आइआइटी रुड़की के उप निदेशक प्रो. एम परिदा ने कहा कि ग्रामीणों के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वे बड़े स्तर पर उद्यमिता शुरू करें। बल्कि वे मशरूम उत्पादन जैसे छोटे-छोटे कार्यों से भी अपने काम की शुरुआत करके एक बड़ी पहल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्नत भारत अभियान क्षेत्रीय समन्वय संस्थान, आइआइटी रुड़की इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है, जो निस्संदेह ग्रामीणों के लिए फायदेमंद होगा। उन्नत भारत अभियान कार्यक्रम के क्षेत्रीय समन्वयक प्रो. आशीष पांडेय ने बताया कि दिव्या रावत स्थानीय नागरिकों में मशरूम लेडी के नाम से प्रसिद्ध हैं। बताया कि स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिव्या रावत को कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों से आकर्षक प्रस्ताव मिले थे, परंतु ग्रामीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें ऐसे सभी प्रस्तावों को अस्वीकार करने पर मजबूर कर दिया। कार्यशाला में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के उन्नत भारत अभियान प्रतिभागी संस्थानों के समन्वयक, आइआइटी रुड़की के छात्र, संकाय सदस्य, किसान, ग्राम प्रधान, सरपंच सहित अन्य प्रतिभागी ऑनलाइन शामिल हुए।