श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा की धर्मध्वजा आज होगी स्थापित
श्रीपंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के रमता पंचों के गुरुवार को नगर प्रवेश करने के साथ ही हरिद्वार कुंभ को लेकर गतिविधियां शुरू हो गई हैं। शनिवार को अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि की मौजूदगी में श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी में धर्मध्वजा स्थापित की जाएगी।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : श्रीपंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के रमता पंचों के गुरुवार को नगर प्रवेश करने के साथ ही हरिद्वार कुंभ को लेकर गतिविधियां शुरू हो गई हैं। शनिवार को अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि की मौजूदगी में श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी में धर्मध्वजा स्थापित की जाएगी। यह हरिद्वार कुंभ की पहली धर्म ध्वजा होगी, बाकी अखाड़ों की धर्म ध्वजा इसके बाद स्थापित होगी।
शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के साधु-संतों और मेला प्रशासन के अधिकारियों ने धर्मध्वजा स्थल का निरीक्षण किया। इस मौके पर अखाड़े के साधु-संतों ने मेला प्रशासन से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाने की मांग की। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि अखाड़ों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धर्मध्वजा होती है। क्योंकि धर्मध्वजा स्थापित होने के बाद ही अखाड़ों का विधिवत कुंभ शुरू हो जाता है। धर्मध्वजा के नीचे ही संन्यासी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर नागा संन्यासियों को संन्यास की दीक्षा देते हैं। धर्मध्वजा स्थापित होने पर अखाड़े के आठ श्रीमहंत इसमें मौजूद नहीं होते। यह अखाड़े की अनादि काल से चली आ रही परंपरा है। जिसका निर्वहन शनिवार को अखाड़े में धर्मध्वजा की स्थापना के वक्त भी किया जाएगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर, पंच और साधु-संतों ने धर्मध्वजा को सुरक्षित कैसे स्थापित किया जाए, इसको लेकर मेला प्रशासन के अधिकारियों के साथ चर्चा की।
अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने बताया कि अखाड़े ने मेला प्रशासन से जेसीबी की मांग की है। धर्मध्वजा स्थापित करते वक्त कोई दुर्घटना ना हो इसको लेकर अखाड़े के साधु संतों ने व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। मेला प्रशासन सभी प्रकार की व्यवस्था कर रहा है।