निर्जला एकादशी पर उपवास रख श्रद्धालुओं ने किया पूजन
निर्जला एकादशी पर मंगलवार को महिलाओं ने निर्जला व्रत किया।
जागरण संवाददाता, रुड़की : निर्जला एकादशी पर मंगलवार को महिलाओं ने निर्जला व्रत किया। साथ ही गंग नहर के घाट के किनारे श्रद्धालु पूजन करने भी पहुंचे। परंपरानुसार इस दिन कलश दान एवं गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। वहीं चौबीस एकादशियों में निर्जला एकादशी सबसे उत्तम मानी जाती है।
आइआइटी रुड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी में निर्जला व्रत किया जाता है। एकादशी के व्रत में पारण (व्रत समापन) का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बताया कि तीन जून को व्रत पारण का समय सुबह पांच बजकर 20 मिनट से लेकर आठ बजकर दस मिनट के बीच रहेगा। वहीं नहर किनारे स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर के पंडित रामगोपाल पराशर ने बताया कि निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा एवं व्रत उपासना की जाती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।