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चेताने के बावजूद लापरवाह बने रहे अधिकारी

नये हरिद्वार में चंद्राचार्य चौक को जलभराव की समस्या से मुक्ति दिलाने को श्री चंद्राचार्य चौक से गंगनहर प्रेमनगर आश्रम चौक से पहले तक अमृत योजना के तहत 1950 मीटर नाले के निर्माण में हो रही लापरवाही पर सभी जिम्मेदारों को दैनिक जागरण ने नौ दिन पहले 12 अक्टूबर को ही चेता दिया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 05:08 AM (IST)
चेताने के बावजूद लापरवाह बने रहे अधिकारी
चेताने के बावजूद लापरवाह बने रहे अधिकारी

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: नये हरिद्वार में चंद्राचार्य चौक को जलभराव की समस्या से मुक्ति दिलाने को श्री चंद्राचार्य चौक से गंगनहर प्रेमनगर आश्रम चौक से पहले तक अमृत योजना के तहत 1950 मीटर नाले के निर्माण में हो रही लापरवाही पर सभी जिम्मेदारों को 'दैनिक जागरण' ने नौ दिन पहले 12 अक्टूबर को ही चेता दिया था। दैनिक जागरण ने बताया था कि नाला निर्माण को लापरवाही से जेसीबी मशीन से हो रही खोदाई के चलते मकानों की नींव में पानी भर रहा है, इससे कमजोर होकर दीवार कभी भी ढह सकती है, इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। उस वक्त इसके जिम्मेदार अमृत योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय सिंह ने दावा किया था कि ऐसा नहीं होगा पर, बुधवार को हुई दुर्घटना में एक मजदूर की मौत और दूसरे के गंभीर घायल होने ने उनकी लापरवाही और दावे की कलई खोल दी।

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चंद्राचार्य चौक से नया हरिद्वार होते गंगा कैनाल तक समानांतर दो नाले का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए पिछले कुछ समय से जेसीबी से खोदाई कराई जा रही है। खोदाई के दौरान इस बात का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है, इससे जिस जगह खोदाई हो रही है उसके पास बने मकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की नींव को खतरा पहुंच रहा है। तमाम की नींव इस खोदाई की चलते ढहने की कगार पर पहुंच गई थी। मकानों की नींव में पानी भर रहा है। स्थानीय निवासियों की बड़े नुकसान की आशंका से नींद उड़ गयी थी। स्थानीय निवासी और कारोबारी राजू शर्मा, दीपक सिघल आदि ने इस पर विरोध जताया था। बावजूद इसके होने वाली दिक्कतों से निर्माण एजेंसी के अधिकारी बेखबर ही बने हुए थे। कारोबारी राजू शर्मा ने बताया कि 20 फुट खोदाई और निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही आगे खोदाई की बात कही गई थी, लेकिन ठेकेदार सौ-सौ फुट खोदाई कर एक रोज में बामुश्किल दस फुट ही नाला निर्माण कर रहे हैं। अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई ही नहीं करते।

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फरवरी से चल रहा है प्रोजेक्ट पर काम

हरिद्वार: दो दशक से पुरानी जलभराव की समस्या के निदान को इस प्रोजेक्ट पर फरवरी से काम चल रहा है। अभी तक महज आधा काम पूरा हुआ है। चंद्राचार्य चौक से नया हरिद्वार होते गंगा कैनाल के समानांतर बनने वाले दो नालों में से दूसरे नाले का काम भी अधूरा पड़ा है। अधूरे नाले की चौड़ाई और गहराई भी बढ़नी है। अवधूत मंडल से शिवमूर्ति तक दोनों ओर बनने वाले एक-एक मीटर चौड़े नाले का निर्माण भी अधूरा है।

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पीएम से शिकायत पर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

हरिद्वार: मध्य हरिद्वार में हर वर्ष होने वाले भारी जलभराव और उससे स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को होने वाले नुकसान और वर्तमान समस्या का मामला प्रधानमंत्री दरबार तक पहुंच गया है। 40 स्थानीय निवासियों ने हस्ताक्षर युक्त पत्र भेजकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप कर समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है। प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में इन व्यक्तियों ने अमृत योजना से करीब चार करोड़ से होने वाले कार्य पर भी सवाल उठाया है।


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