छात्रा ने परीक्षा में मांगा समानता का अधिकार
कोविड-19 के मद्देनजर स्नातक व परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को बगैर परीक्षा प्रोन्नत करने और चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों से एग्जाम कराए जाने के फैसले पर हरिद्वार की एक छात्रा ने सवाल उठाए हैं।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: कोविड-19 के मद्देनजर स्नातक व परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को बगैर परीक्षा प्रोन्नत करने और चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों से एग्जाम कराए जाने के फैसले पर हरिद्वार की एक छात्रा ने सवाल उठाए हैं। इसे समानता के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए राज्यपाल से लिखित शिकायत की गई है। जिसमें यह मांग की गई है कि सभी सेमेस्टरों के लिए परीक्षा का एक समान नियम बनाया जाए।
सलेमपुर महदूद निवासी स्वीटी विश्नोई बहादराबाद में सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय रोहालकी किशनपुर में एमए राजनीतिक विज्ञान द्वितीय वर्ष चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा हैं। राज्यपाल को भेजे गए पत्र में स्वीटी ने बताया कि स्नातक व परस्नातक प्रथम वर्ष छात्र-छात्राओं को बगैर परीक्षा दिए पिछली कक्षाओं के अंकों के आधार पर प्रोन्नत करने और अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं की अगस्त में परीक्षा लेने का फैसला लिया गया है। यह अव्यावहारिक और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। क्योंकि कोरोना सेमेस्टर के हिसाब से नहीं, किसी को भी हो सकता है। इसलिए प्रथम वर्ष के छात्रों को भी परीक्षा में बैठाया जाए, या फिर अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं को भी बगैर परीक्षा प्रोन्नत किया जाए। क्योंकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। छात्र-छात्राएं परीक्षा में बैठेंगे तो घर आकर परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में क्वारंटाइन होना असंभव है। छात्रा खुद दो बच्चों की मां है। स्वीटी विश्नोई ने राज्यपाल से एक समान व्यवस्था लागू कराने की मांग की है। कहा कि यदि समान व्यवस्था लागू नहीं की जाती है तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।