फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वालों पर पुलिस की नरमी
जागरण संवाददाता, रुड़की: फर्जी डिग्री के जरिए शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों क
जागरण संवाददाता, रुड़की: फर्जी डिग्री के जरिए शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले शिक्षकों के प्रति पुलिस का रवैया बेहद नरम है। अभी तक एक भी मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है और न ही किसी की गिरफ्तारी हो पाई है। जबकि विभाग की ओर से अब तक कुल 28 शिक्षकों में से 16 शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।
पिछले साल शासन को शिकायत मिली थी कि शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के जरिए शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ¨सह रावत ने एक एसआइटी का गठन किया। एसआइटी का जिम्मा एसपी श्वेता चौबे को सौंपा गया। तब से लगातार जांच जारी है। प्रदेश में अब तक 59 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। जिसमें से सबसे अधिक हरिद्वार जिले से 28 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिल है। करीब 81 शिक्षक ऐसे है जिनके प्रमाण पत्र फर्जी मिलने की आशंका है। एसआइटी के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से मुकदमा दर्ज कराना शुरू किया। अब तक गंगनहर, मंगलौर, भगवानपुर समेत कई थानों में मुकदमें दर्ज हो चुके हैं लेकिन अभी तक पुलिस की ओर से किसी भी मामले में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है। जबकि विभाग भी एसआइटी की संस्तुति के बाद 16 शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है।
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दोबारा अंतिम रिपोर्ट लगाने की तैयारी
रुड़की: मंगलौर के चिल्ड्रन सीनियर एकेडमी के शिक्षक नरेश चोपड़ा की डिग्री भी फर्जी निकली। इस पर 9 फरवरी 2018 को नरेश चोपड़ा के खिलाफ मंगलौर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मंगलौर पुलिस ने एसआइटी की जांच को दर किनार करते हुए 21 मई 2018 को अंतिम रिपोर्ट लगाकर फाइल को बंद कर दी। जब जानकारी एसआइटी प्रभारी को मिली तो उन्होंने नाराजगी जताई। इसके बाद एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने दोबारा जांच के निर्देश दिए। वर्तमान में जांच चल रही है। सूत्रों की माने तो अभी इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाने की तैयारी है। जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ब्रह्मपाल ¨सह सैनी ने बताया कि मामले में शिक्षक नरेश चोपड़ा को निलंबित कर दिया गया था। शिक्षक को बर्खास्त करने के लिए प्रबंध कमेटी को पत्र लिखा गया है। अब प्रबंध कमेटी ने अनुमोदन के लिए पत्र भेजा है। इसे शिक्षा निदेशालय को भेजा जा चुका है। कोट-
आरोप पत्र दाखिल करने में किस वजह से देरी की जा रही है। इस बारे में पता किया जा रहा है। कई बार अभिलेख आदि जुटाने में देरी हो जाती है। मंगलौर के शिक्षक प्रकरण में दोबारा जांच चल रही है। उसमें कुछ नए ¨बदू जोड़े गए हैं। इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है।
मणिकांत मिश्रा एसपी देहात इनसेट--
81 शिक्षकों के प्रमाण पत्र की मांगी रिपोर्ट
रुड़की: रुड़की तहसील से जाति एवं मूल निवास प्रमाण पत्र के जरिए विभाग में नौकरी करने वाले 81 शिक्षकों के प्रमाण पत्र प्रथम ²ष्टया संदिग्ध मानते हुए एसआइटी ने रुड़की तहसील से प्रमाण पत्रों के संबंध में जानकारी मांगी है। तहसील प्रशासन जांच कर रहा है। 27 अप्रैल को ही रुड़की तहसील के मानकपुर गांव निवासी एक शिक्षक के प्रमाण पत्र के संबंध में जब टीम ने गांव में जाकर छानबीन की तो पता चला कि उस नाम का कोई शिक्षक नहीं रहता है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।