-सामान की ढुलाई में जान का जोखिम
संवाद सूत्र, लक्सर : रेलवे स्टेशन पर कार्य करने वाले पार्सल पोर्टर जान जोखिम में डालकर अपना क
संवाद सूत्र, लक्सर : रेलवे स्टेशन पर कार्य करने वाले पार्सल पोर्टर जान जोखिम में डालकर अपना कार्य कर रहे हैं। रेल में बुक होकर आए सामान को रेल लाइन पार कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक पहुंचाया जा रहा है। इससे हादसे का खतरा बना रहता है।
रेलवे स्टेशनों पर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक आने-जाने के लिए फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से अधिकांश रेलवे स्टेशनों पर जो फुट ओवरब्रिज बने हैं, वह रैंप वाले हैं लेकिन कई रेलवे स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज बने हैं। लक्सर में भी फुट ओवरब्रिज बना है। सीढियां होने के कारण फुट ओवरब्रिज पर सामान की ढुलाई हाथ गाड़ी की मदद से नहीं हो पाती है। इसके चलते ट्रेनों में बुक होकर आने वाले सामान को यहां पार्सल पोर्टर कंधों व सिर पर लादकर रेलवे लाइन क्रास कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक पहुंचाते हैं। रेलवे स्टेशन पर चारों प्लेटफार्म पर गाड़ियों का आवागमन होता है। यहां कई बार किसी एक गाड़ी से आने वाले पार्सल सामान को दूसरी गाड़ी में लादना होता है। इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण पार्सल पोर्टर को अपनी जान जोखिम में डालकर कंधों और सिर पर ढुलाई कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक पहुंचाना पड़ता है। इस तरह रेल लाइन क्रास करते समय हर समय किसी हादसे का भी खतरा बना रहता है। इस बाबत स्टेशन अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि फुट ओवरब्रिज का निर्माण स्टेशन के निर्माण के समय ही हुआ है। इस बाबत विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।