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Cyber Crime: साइबर ठगों से बचना है तो हो जाएं सावधान, कुछ इस तरह डाल रहे लोगों की जेब पर डाका

Cyber Crime आज के इस दौर में साइबर ठगों से बचना है तो बेहद ही सावधान रहना होगा। ठग अलग-अलग तरीकों भोल-भाले लोगों को अपने चंगुल में फांस रहे हैं। रुड़की के कुछ ऐसे ही मामलों के बारे में आपको बताते हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 07:21 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 07:21 PM (IST)
Cyber Crime: साइबर ठगों से बचना है तो हो जाएं सावधान, कुछ इस तरह डाल रहे लोगों की जेब पर डाका
साइबर ठगों से बचना है तो हो जाएं सावधान।

जागरण संवाददाता, रुड़की। Cyber Crime दिन-प्रतिदिन बदलती जा रही साइबर तकनीक के साथ ठगों के तौर-तरीके भी बदले हैं। इंटरनेट पर ठगों के हथकंडे तो यहीं बता रहे हैं कि बिना जान-पहचान के इंटरनेट पर दोस्ती और प्यार आपकी इज्जत और पैसा दोनों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। रुड़की और आसपास के क्षेत्र से दो माह के अंदर साइबर ठगी की सौ से अधिक शिकायतें थाना और कोतवाली में पहुंची हैं। इतने बड़े पैमाने पर हो रही साइबर ठगी की घटनाओं से पुलिस भी चिंतित है। अगर आप के पास भी फेसबुक या अन्य किसी इंटरनेट मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति या महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आ रही है तो आप को भी सावधान रहने की जरूरत है। ठग गिरोह आजकल महिला और युवती की फर्जी प्रोफाइल बनाकर पहले दोस्ती करते हैं। इसके बाद चैट करते हुए रिकार्ड वीडियो मोबाइल में इस तरह से चलाते हैं कि जैसे आनलाइन वीडियो चैट हो रही हो। ठग गिरोह इसी दौरान आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हैं।

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रुड़की क्षेत्र में इस तरह के 15 से अधिक मामले पिछले दो माह के अंदर हो चुके हैं। हरिद्वार के दो कारोबारी इस तरह की शिकायतें कुछ समय पहले रुड़की कोतवाली में कर चुके हैं। इसके अलावा ठग गिरोह एक और हथकंडा भी अपना रहे है, जिसमें ठग किसी प्रभावशाली व्यक्ति की फेसबुक प्रोफाइल से फोटो लोड कर उस व्यक्ति के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर उनके परिचितों को रिक्वेस्ट भेजते हैं।

इसके बाद बातों-बातों में मदद के नाम पर अपने बैंक खातों में रकम जमा करा लेते हैं। क्षेत्र के करीब 50 से अधिक व्यक्तियों से इस तर्ज पर ठगी हो चुकी है या फिर ठगी का प्रयास हुआ है। इस तरह के कई मामले साइबर सेल भेजे गए हैं। रुड़की में एसपी से लेकर इंस्पेक्टर समेत अन्य विभाग के अधिकारियों की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल तैयार कर ठगी की जा चुकी है।

कैशबैक देने के झांसे से बढ़े ठगी के मामले

शिक्षानगरी में इस समय आनलाइन शापिंग में कैशबैक देने का झांसा देकर ठगी हो रही है। ठग पहले झांसा देकर खाते से जुड़ी जानकारी जुटा लेते हैं। फिर खाते से आनलाइन रकम साफ कर देते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे व्यक्ति भी उनके झांसे में आए हैं, जिन्होंने आनलाइन शापिंग नहीं की है और कैश बैक लेने के चक्कर में खाते की जानकारी दे दी।

ओएलक्स पर भी ठगों की नजर

रुड़की में ओएलएक्स पर सामान बेचने और खरीदने के नाम पर भी ठगी के मामले बढ़े है। ठग खुद को सेना का अधिकारी बताकर बात करते हैं। वाट्सएप पर डीपी भी सेना की वर्दी वाली होती है। जिसके बाद व्यक्ति आसानी से इन पर विश्वास कर लेता है। वाहन बेचने के नाम पर एडवांस रकम अपने बैंक खाते में डलवाने और वाहन की डिलीवरी घर भेजने का झांसा देते है।

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एटीएम ब्लाक बताकर करते है ठगी

एटीएम कार्ड ब्लाक होने पर उसके नवीनीकरण के नाम पर साइबर ठग बैंक खाते की डिटेल हासिल करते हैं और फिर इसी खाते से आनलाइन शापिंग की जा रही है। वहीं कई बार ठग गिरोह एटीएम कार्ड के नवीनीकरण के नाम पर भेजे गए ओटीपी का इस्तेमाल कर भी दूसरे खाते में रकम ट्रांसफर कर देते है।

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बैंक कर्मचारियों से रहती है सांठगांठ

मंगलवार को कोतवाली पुलिस ने अंतरराज्यीय ठग गिरोह के पांच आरोपित पकड़े थे। यह ठग राजस्थान के एक बैंक कर्मचारी से खातों की डिटेल लेकर उनके नाम के फर्जी चेक बनाकर ठगी करते थे। इसके अलावा इनके खातों की डिटेल के जरिये आनलाइन ठगी भी करते थे। देश के 300 बैंक खाते इनके निशाने पर थे।

एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि इंटरनेट ठगी को लेकर पुलिस समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाती है। साइबर सेल की मदद से इस तरह के गिरोह का नेटवर्क ध्वस्त करने के प्रयास चल रहे है।

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