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मुठभेड़ में बदमाश गिरफ्तार, दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश

भेल के रिटायर्ड डीजीएम और उनकी पत्नी की निर्मम हत्या व लूटपाट को अंजाम देने वाले शातिर बदमाश को पुलिस ने मंगलवार तड़के मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 06:07 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 06:07 PM (IST)
मुठभेड़ में बदमाश गिरफ्तार, दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश
मुठभेड़ में बदमाश गिरफ्तार, दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भेल के रिटायर्ड डीजीएम और उनकी पत्नी की निर्मम हत्या व लूटपाट को अंजाम देने वाले शातिर बदमाश को पुलिस ने मंगलवार तड़के मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की ओर से जवाबी फायरिग में बदमाश के पैर में गोली लगी है। इससे पहले पुलिस ने सोमवार को दोहरे हत्याकांड में उसका साथ देने वाले खतौली मुजफ्फरनगर की गन्ना सोसायटी के चपरासी को भी गिरफ्तार कर लिया। उनसे लूटा गया सामान व नकदी बरामद हो गई है। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने रानीपुर कोतवाली में पत्रकार वार्ता कर हत्या और लूट की घटना का पर्दाफाश किया।

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रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के शिवालिकनगर में 12 अक्टूबर की रात भेल के रिटायर्ड डीजीएम प्रह्लाद अग्रवाल व उनकी पत्नी गायत्री उर्फ बीना अग्रवाल की हत्या कर दी गई थी। बदमाश उनके घर से कुछ जेवर, नकदी, घड़ियां व एलईडी टीवी लूटकर फरार हो गए थे। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर पुलिस टीमें दो हफ्ते से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेरा डाले हुए थी। बाइक व संदिग्ध के हुलिये का मिलान होने पर सोमवार को पुलिस टीम ने गन्ना सोसायटी खतौली के चपरासी भीम उर्फ विपिन निवासी गांव अंतवाड़ा, खतौली को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में भीम ने बताया कि उसका साथी सतेंद्र उर्फ धर्मेंद्र निवासी नगली, सकौती मुजफ्फरनगर दोहरे हत्याकांड का सूत्रधार है और फिलहाल रानीपुर क्षेत्र के सलेमपुर में ही छिपा है। रात भर तलाश के बाद मंगलवार तड़के रानीपुर, ज्वालापुर, शहर कोतवाली और झबरेड़ा थाने की पुलिस ने सुमननगर में बाइक सवार सतेंद्र को घेर लिया। बचने के लिए उसने पुलिस पर फायरिग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी तीन फायरिग की। पैर में गोली लगने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि सतेंद्र लॉकडाउन से पहले तक रिटायर्ड डीजीएम के पड़ोस में किराएदार था। उसे पता था कि प्रह्लाद अग्रवाल और उनकी पत्नी बीना घर पर अकेले रहते हैं। इसलिए लूट व हत्या की योजना बनाकर 12 अक्टूबर की रात वह भीम उर्फ विपिन के साथ हरिद्वार पहुंचा और लूटपाट के बाद बुजुर्ग दंपती की हत्या कर दी। दोनों के कब्जे से 62.5 हजार की नकदी, दंपती की चेकबुक व आधार कार्ड, चार घड़ियां, कारतूस सहित तमंचा व दो बाइकें बरामद हुई हैं।

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दंपती को पानी के बदले मिली मौत

हरिद्वार: पड़ोस में काफी समय तक किराए में रहने के चलते प्रह्लाद अग्रवाल आरोपित सतेंद्र को पहचानते थे। एसएसपी ने बताया कि सतेंद्र ने रात के समय प्रह्लाद अग्रवाल को बाहर गेट पर बुलाया और कहा कि उसे मेरठ लौटना था, मगर रात ज्यादा हो गई है। इसलिए रात में वह उनके घर में ठहरना चाहता है। बुजुर्ग का कहना था कि बच्चों ने किसी को घर में ठहराने से मना किया है। इसलिए वह घर में जगह नहीं दे सकते हैं। तब सतेंद्र ने दूसरी चाल चली और पीने के लिए पानी मांगा। प्रह्लाद अग्रवाल पानी लेने के लिए अंदर गए तो सतेंद्र और विपिन दीवार फांदकर घर में पहुंच गए। उन्हें देखकर बीना अग्रवाल ने शोर मचाया तो दोनों ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया। दीवार लगने से सिर से खून बहने लगा और बीना अग्रवाल अचेत हो गई। इसके बाद उन्होंने प्रह्लाद अग्रवाल को काबू में लिया। जेवर और नकदी कहां रखी है, यह जानने के लिए वह प्रह्लाद अग्रवाल को टॉर्चर करते रहे। बाद में उन्होंने गला दबाकर पहले प्रह्लाद अग्रवाल और बाद में बीना उर्फ गायत्री अग्रवाल की हत्या कर दी।

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एक हजार से अधिक कैमरे खंगाले

हरिद्वार: ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने जमकर पसीना बहाना पड़ा है। दो सप्ताह में पुलिस की 10 टीमों ने शिवालिकनगर से खतौली तक एक हजार से अधिक कैमरों की फुटेज खंगाली। घटना के समय आसपास एक्टिव रहे करीब डेढ़ हजार मोबाइल नंबरों की सीडीआर चेक की गई। हरिद्वार के अलावा बिजनौर, सहारनपुर, मेरठ व मुजफ्फरनगर में पिछले पांच साल में बड़ी अपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों की कुंडली बांची गई। इतना ही नहीं, हरिद्वार में रहने वाले करीब ढाई हजार बाहरी व्यक्तियों का सत्यापन भी पुलिस ने किया।

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डीजी व आइजी को आना पड़ा हरिद्वार

हरिद्वार: बुजुर्ग दंपती की हत्या व लूट की सनसनीखेज वारदात से शिवालिकनगर में अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों में दहशत फैल गई थी। जिस कारण पहले आइजी गढ़वाल अभिनव कुमार और अगले ही दिन डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार को हरिद्वार आना पड़ा। खुलासे के लिए हरिद्वार जिले की पुलिस और एसओजी के अलावा एसटीएफ देहरादून व एक अन्य स्पेशल टीम को लगाया गया था।


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