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भव्य राम मंदिर मजबूत राष्ट्र निर्माण को प्रशस्त करेगा: सीएम

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भव्य राम मंदिर निर्माण हर मानव में चरित्र निर्माण कर मजबूत राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 07:39 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 07:39 PM (IST)
भव्य राम मंदिर मजबूत राष्ट्र निर्माण को प्रशस्त करेगा: सीएम
भव्य राम मंदिर मजबूत राष्ट्र निर्माण को प्रशस्त करेगा: सीएम

जागरण संवाददाता, रुड़की: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भव्य राम मंदिर निर्माण हर मानव में चरित्र निर्माण कर मजबूत राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने संस्कार भारती के विचार कुंभ, दीप कुंभ आदि कार्यक्रम आयोजित करने की सराहना की। मुख्यमंत्री ने यह बातें ऑनलाइन आयोजित विचार कुंभ में मुख्य अतिथि के रूप में कही।

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संस्कार भारती उत्तराखंड व श्री रामकृष्ण सेवाश्रम समिति रुड़की के तत्वावधान में रविवार को ऑनलाइन विचार कुंभ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश ने कहा कि राम मंदिर निर्माण में समस्त भारतीय जनमानस का सक्रिय सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि अब सबके राम, सब में राम की भावना का पूर्ण विश्व में आत्मसात किया जा रहा है। इस सदी में हम सब पर यह जिम्मेदारी है कि राम मंदिर निर्माण सिर्फ भवन निर्माण नहीं बल्कि राम मंदिर निर्माण मानवता का निर्माण करने का कार्य करे। संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीर चंद ने कोरोना वायरस के कारण समाज में आ रहे विभिन्न बदलाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के वैज्ञानिक महत्व को कोरोना काल में संपूर्ण विश्व ने माना है। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री जयंत सहस्त्रबुद्धि ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व में योग अनुकूल सामाजिक व्यवस्था को स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही भारतीय सामाजिक व्यवस्था इस प्रकार से रही है कि जिससे प्रकृति और समाज का परस्पर संरक्षण एवं विकास होता रहा है। इस अवसर पर संघ के सह प्रांत सेवा प्रमुख सुरेश सुयाल, दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, संस्कार भारती के राष्ट्रीय संरक्षक योगेंद्र बाबा, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रोफेसर जगमोहन सिंह राणा, केंद्रीय विश्वविद्यालय चंपारण बिहार के कुलाधिपति प्रोफेसर महेश शर्मा, बीएचइएल के प्रबंधक निदेशक संजय गुलाटी आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम संयोजक एवं उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल ने संचालन किया। कार्यक्रम में राजकुमार उपाध्याय, विवेक कांबोज, संतोष, प्रो. रूप किशोर शास्त्री, डॉक्टर हेमवती नंदन आदि उपस्थित रहे।


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