पार्षदों ने उठाया सफाई व्यवस्था पर सवाल, महापौर का पलटवार
जागरण संवाददाता हरिद्वार भारतीय जनता पार्टी के पार्षद सुनील कुमार गुड्डु के कार्यालय पर
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: भारतीय जनता पार्टी के पार्षद सुनील कुमार गुड्डु के कार्यालय पर बुधवार को भाजपा पार्षदों की बैठक हुई। इस बैठक में शहर की सफाई व्यवस्था पर पार्षदों ने नाराजगी जताया। पार्षदों ने सफाई व्यवस्था के लिए महापौर को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सफाई व्यवस्था के लिए अनुबंधित केआरएल कंपनी को बगैर कार्यकारिणी की सहमति के 29 लाख रुपये भुगतान करने के मामले की जांच की मांग भी किया। पार्षदों ने इस मामले को राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शहरी विकास मंत्री, आयुक्त गढ़वाल मंडल से करने का प्रस्ताव भी रखा। भाजपा पार्षदों ने कहा कि शहर में सफाई व्यवस्था के नाम पर महापौर व उनके प्रतिनिधि पूरी तरह धांधली कर रहे हैं। उनका आरोप है कि केआरएल कंपनी को 29 लाख रुपये का भुगतान महापौर की सहमति से ही हुआ है। इसमें कार्यकारिणी सदस्यों की सहमति नहीं ली गई। जबकि बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव बहुमत से पारित हुआ था कि कोई भी भुगतान व निर्णय कार्यकारिणी की सहमति के बगैर नहीं होगा। उनका आरोप था कि लिये गए निर्णय का पालन नही किया जा रहा है। महापौर पार्षदों को अंधेरे में रखकर कार्य कर रहीं हैं। महापौर के कार्यालय पर एक दिन हुई बैठक में अधिकारियों पर गलत आरोप लगाए गए इससे भाजपा पार्षद आहत हैं। इसकी हम निदा करते हैं। पार्षदों ने कहा कि महापौर निगम के सभी वार्डो में व्यवस्था सुधारने पर बगैर किसी भेदभाव व पूर्वाग्रह के ध्यान दें, तभी नागरिकों का कल्याण होगा। बैठक में पार्षद राजेश शर्मा, मनोज प्रालिया, नितिन शर्मा, पिकी चौधरी, विनोद चौहान, बबीता वशिष्ठ, प्रशांत सैनी, मयंक गुप्ता, सतेंद्र चौधरी, सुनील पांडे, शुभम मेंडोला, लोकेश पाल आदि मौजूद रहे।
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मनमानी कर रहे अधिकारी- महापौर
पार्षदों की ओर से उठ रहे सवाल पर महापौर अनीता शर्मा ने पलटवार किया। उनका कहना है कि कूड़ा निस्तारण के लिए ठेकेदार केआरएल को पहले भी भुगतान होता चला आया है। भाजपा के पार्षदों को सफाई व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि पार्षद वाकई सफाई व्यवस्था पर गंभीर हैं तो वह शहरी विकास मंत्री आदि के माध्यम से अधिकारियों पर दबाव डालकर अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार लाने का काम करें।
महापौर अनीता शर्मा ने कहा कि वह पांवधोई, भीमगोड़ा कुंड आदि पर जाकर व्यवस्था का निरीक्षण की हैं। अधिकारियों की मनमानी से व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। वह जल्द ही भीख मांगकर शहर में सफाई कराने का कार्य करेंगी। क्योंकि खुद नगर आयुक्त ने यह कह दिया है कि निगम के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में अब कोई दूसरा चारा ही नहीं बचता है।