किताब में दर्ज होगा कोरोना में शिक्षकों का योगदान
कोरोना की जंग में रात दिन ड्यूटी दे रहे शिक्षकों के योगदान को शिक्षा विभाग एक पुस्तक में दर्ज करेगा।
जागरण संवाददाता, रुड़की: कोरोना की जंग में रात दिन ड्यूटी दे रहे शिक्षकों के योगदान को शिक्षा विभाग एक पुस्तक में दर्ज करेगा। इसे लेकर तैयारियां की जा रही हैं। शिक्षकों की गतिविधियों को किताब में दर्ज किया जाएगा।
अधिकांश विभाग कोरोना की जंग में अपने-अपने तरीके से लगे हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी से लेकर शिक्षक भी रात-दिन ड्यूटी दे रहे हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों के ट्रेन में चढ़ने व उतरने की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही, खाने की भी व्यवस्था की जा रही है। क्लास रूम में चॉक डस्टर संभालने वाले शिक्षक प्रवासियों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। इसके अलावा बार्डर पर भी थर्मल स्क्रीनिग में शिक्षकों की मदद की जा रही है। शिक्षा विभाग अब शिक्षकों के योगदान को सूचीबद्ध करने की तैयारियों में जुट गया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि कोरोना काल में शिक्षक भी स्वास्थ्यकर्मियों व पुलिसकर्मियों की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों के इस अमूल्य योगदान को देखते हुए विभाग ने एक पुस्तक प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। कोरोना संकटकाल के समाप्त होने के बाद इस पुस्तक के जरिए लोग शिक्षकों के योगदान के बारे में जान सकेंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षकों का योगदान काफी अहम रहा है। जहां अधिकांश शिक्षक फ्रंट लाइन में खड़े होकर काम कर रहे हैं तो वहीं कुछ शिक्षक ऑनलाइन व दूसरे माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का काम भी कर रहे हैं।