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उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ छठ महापर्व का समापन

उगते सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया। हरिद्वार, ऋषिकेश, रुद्रपुर सहित पूरे उत्तराखंड में नदियों के घाटों पर आस्था का सैलाब सुबह से उमड़ पड़ा।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 27 Oct 2017 08:16 AM (IST)Updated: Fri, 27 Oct 2017 11:16 PM (IST)
उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ छठ महापर्व का समापन
उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ छठ महापर्व का समापन

हरिद्वार, [जेएनएन]: लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के अंतिम दिन व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इसके साथ ही छठ महापर्व संपन्न हो गया। व्रती सूर्योदय से पहले ही घाटों पर पहुंच गए थे।

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हरिद्वार, ऋषिकेश सहित पूरे उत्तराखंड में गंगा व अन्य नदियों के घाटों में सुबह स्नान कर व्रतियों ने भास्कर देव को ऋतु फल, कंद मूल और नाना प्रकार के पकवानों से अर्घ्य देकर परिवार और राष्ट्र की सुखशांति की कामना की।

कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (नहाय-खाय) से शुरू हुआ छठ महोत्सव सप्तमी शुक्रवार को उगते भास्कर देव को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। भोर की बेला में व्रती महिलाएं अपने परिवारजनों के साथ सूप तथा टोकरे में फल-पकवान लेकर छठी मइया के गीत गाते हुए गंगा तट पहुंची।

जहां कमर तक जल में खड़े होकर सूर्य आराधना करते हुए सूर्यादय की प्रतीक्षा की। भास्कर देव के प्रकट होते ही व्रतियों ने गाय के दूध से भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर घर-परिवार की सुख शांति के साथ राष्ट्र की खुशहाली की छठी मइया से कामना की। 

गंगा घाटों पर आतिशबाजी से छठ की छटा देखते ही बन रही थी। विभिन्न छठ पूजा समितियों की ओर से व्रतियों को अर्घ्य प्रदान कराने को गाय के दूध का वितरण किया गया। घाटों पर छठ से जुड़े भक्ति गीत की गूंज माहौल को भक्तिमय बन रही थी। घाटों पर जगह-जगह लोग टोलियां बनाकर भक्तिगीत गाकर गंगा घाटों को छठ मैया की भक्ति में सराबोर कर रहे थे।

हरकी पैड़ी पर पूर्वाचल जनजागृति संस्था की ओर से छठ व्रत कथा पुस्तक और छठी मइया के प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर संस्था अध्यक्ष ब्रह्माशंकर चौबे, संरक्षक रामयश सिंह, अंजनी कुमार, एसके मिश्रा, राजेंद्र यादव, सुनील पांडे, वीरेंद्र, विकास सिंह, ललिता मिश्रा आदि मौजूद थे। 

प्रगतिशील एकता मंच के अध्यक्ष कपिल देव ठाकुर ने छठ पर्व शांतिपूर्ण संपन्न होने पर शासन-प्रशासन का आभार जताया। कुशवाहा क्षत्रिय समाज के सहेंद्र ¨सह कुशवाहा, आरके राम, रामकृपाल मौर्य, डॉ. बीएल प्रसाद, नंद लाल आदि ने छठ पूजा शांतिपूर्ण संपन्न कराने को जिला प्रशासन का धन्यवाद किया।

जमकर हुई आतिशबाजी

जिस तरह दीपावली पर लोगों ने देर रात तक आतिशबाजी की, उसी तरह पूर्वांचलवासियों ने छठ पर्व के अंतिम दिन जमकर आतिशबाजी की। नीलधारा, बैरागी कैंप, चंडीघाट सहित अन्य गंगा घाटों पर युवाओं ने सूर्य देव के उदय होते ही जमकर आतिशबाजी की। इस दौरान आसमान पटाखों की रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर नजर आया।

गाजे बाजे लेकर पहुंचे लोग

हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर छठ के समापन पर लोग गाजे-बाजे के साथ पहुंचे। कई व्रतधारी व श्रद्धालुओं के साथ-साथ लोग ढोल-नगाड़े बजाते चल रहे थे। महिलाएं सूप में छठ पूजा की सामग्री लाल या पीले कपड़ों में बांधकर गंगा घाटों पर पहुंची। रंग-बिरंगे कपड़ों में बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा है। घाटों पर ढोल की थाप पर बच्चों सहित बड़े भी जमकर झूमे।

सुरक्षा व्यवस्था रही चाक चौबंद

घाटों पर भारी संख्या में भक्तों की भीड़ को संभालने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। मुख्य मार्ग पर टैंपो व अन्य वाहनों के रुकने से लगने वाले जाम से निपटने के लिए भी यातायात पुलिस के जवान तैनात रहे। हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर पुलिसकर्मी संदिग्धों पर नजर रखते नजर आए।

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