एसडीओ और जेई पर लगाए आरोप, मुख्यमंत्री से शिकायत
अक्सर सुर्खियों में रहने वाले ऊर्जा निगम ने ज्वालापुर में एक नया ही कारनामा कर डाला।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: अक्सर सुर्खियों में रहने वाले ऊर्जा निगम ने ज्वालापुर में एक नया ही कारनामा कर डाला। निगम ने बिजली चोरी करने वाले किराएदार के बजाय दुकान मालिक के बेटे व अपने पूर्व संविदाकर्मी के खिलाफ ही एफआइआर दर्ज करा दी। जबकि कनेक्शन, मीटर या संपत्ति में कहीं भी पूर्व कर्मचारी का नाम तक दर्ज नहीं है। लिहाजा, पूर्व कर्मचारी ने एसडीओ व जेई पर रंजिशन फंसाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की है।
ज्वालापुर के मोहल्ला घोसियान निवासी फरमान अली ने बताया कि वह कुछ समय पहले तक ऊर्जा निगम में संविदा पर कार्यरत था। काम करने के दौरान जेई प्रीतम सिंह व एसडीओ कवल सिंह उससे रंजिश रखते आ रहे हैं। बीते सात नवंबर को विजिलेंस के साथ एसडीओ व जेई ने मिलकर घोसियान में छापा मारा और दो अलग-अलग क्लीनिक से बिजली चोरी पकड़ी। फरमान का कहना है कि उनके पिता महफूज अली ने दुष्यंत चौधरी व धीरज चौधरी को पिछले तीन साल से दुकानें किराए पर दी हुई हैं। दोनों के अलग-अलग मीटर लगाए गए हैं। ऐसे में बिजली चोरी पकड़े जाने पर दुष्यंत चौधरी व धीरज चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। लेकिन, एसडीओ व जेई ने सांठ-गांठ कर आरोपितों के बजाय उसके खिलाफ बिजली चोरी का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। जबकि उसका बिजली चोरी से कोई लेना देना भी नहीं है। फरमान ने रंजिश के तहत साजिशन झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी, एसएसपी व ऊर्जा निगम के एमडी सहित राज्यपाल, मुख्यमंत्री, ऊर्जा सचिव आदि को लिखित शिकायत भेजी है। जिसमें मुकदमा निरस्त कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।