सिडकुल हरिद्वार के 56 ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, कामगारों का नहीं रखा ख्याल
सिडकुल के कामगारों के लिए ठहरने और भोजन की व्यवस्था नहीं करने पर पुलिस ने 56 ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इन ठेकेदारों की बेरुखी से कामगारों को घर लौटना पड़ रहा है।
हरिद्वार, जेएनएन। सिडकुल के कामगारों के लिए ठहरने और भोजन की व्यवस्था नहीं करने पर पुलिस ने 56 ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। लॉकडाउन के चलते फैक्टियां बंद होने पर ठेकेदारों ने कामगारों की तरफ से मुंह मोड़ लिया। रहने खाने का संकट खड़ा होने पर कामगारों को अपने घर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सिडकुल थाने की पुलिस ने एसएसपी के निर्देश पर ऐसे ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
शहर कोतवाली की पुलिस ने फर्जी पास पर सिडकुल के कामगारों को उत्तर प्रदेश ले जाने पर दो बसों को पकड़ा था। कामगारों ने पुलिस को बताया कि फैक्टियां बंद होने के बाद ठेकेदारों ने उनके रहने और खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं की। इसलिए उन्हें घर जाने को मजबूर होना पड़ा।
इन पर हुआ मुकदमा
पुलिस ने एकम्स फार्मास्यूटिकल्स, सेलो, हेवल्स, रॉकमैन, सी एंड एस, शिवम आटोटेक समेत अलग-अलग कंपनियों में लेबर सप्लाई करने वाले अरविंद, जितेंद्र, शिवम, श्याम कुमार, सुंदर, विशाल, अमरीश, रोहताश, जयप्रकाश शुक्ला, अमित, राजकुमार, ¨प्रस, मोहित चौहान, मुकेश, प्रदीप, भरत, राकेश, घनश्याम, कैलाश, सोमवीर, जयप्रकाश, अरुण कुमार, सुशील, बाबूराम, शिवम, अमित चौहान, आलोक, प्रीतम, राहुल, प्रवीण चौहान, ठेकेदार पवन, बिट्टू, धर्म, राजेश शर्मा, मोहन, श्रीकांत, हेमराज, अवधेश, बृजपाल, अवनीश राणा व मनीष और कुछ अज्ञात सहित कुल 56 ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
जिला कारागार से 43 कैदी पैरोल पर रिहा
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर जिला कारागार हरिद्वार के 87 कैदियों के पैरोल को मंजूरी मिली है। इनमें हरिद्वार जिले के 43 कैदियों को छह माह के पैरोल पर रिहा कर दिया गया है। दूसरे जिलों के निवासी बाकी कैदियों की रिहाई भी जल्द की जाएगी।
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। सुप्रीम कोर्ट ने जेल में कैदियों को छह माह के पैरोल पर छोड़ने के आदेश दिए हैं। गाइडलाइन जारी करते हुए कैदियों को घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी डीएम और एसएसपी को दी गई है। कोर्ट ने हरिद्वार जिला कारागार से भी ऐसे कैदियों की सूची मांगी थी, जो सात साल तक की सजा के मुकदमों में विचाराधीन या सिद्धदोष हैं।
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जेल अधीक्षक अशोक कुमार की ओर से 88 विचाराधीन और 12 सिद्धदोष बंदियों की सूची मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भेजी थी। इस सूची के कुल 87 कैदियों की रिहाई को कोर्ट से मंजूरी मिली है। जेलर एसएम सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हरिद्वार जिले के निवासी कुल 43 कैदियों को पैरोल पर रिहा कर दिया गया है। इनके अलावा हरिद्वार से बाहरी जिलों के निवासी बाकी कैदियों के लिए वाहन की व्यवस्था होने पर उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।