बाहरी गन्ना रोकने को गन्ना विभाग ने उठाया सख्त कदम
जागरण संवाददाता, रुड़की: गन्ना सीजन के दौरान बाहर से आने वाले गन्ने की खरीद को रोकने के
जागरण संवाददाता, रुड़की: गन्ना सीजन के दौरान बाहर से आने वाले गन्ने की खरीद को रोकने के लिए गन्ना विभाग सख्त कदम उठाने जा रहा है। इसके तहत जिले में एक हजार कुंतल से अधिक बेसिक कोटे वाले किसानों की जमीन का सत्यापन शुरू कर दिया है। अब तक करीब 200 किसानों का बेसिक कोटा कम कर दिया गया है।
पिछले साल जिले में चोरी छिपे बड़े पैमाने पर गन्ने की खरीद की गई। उप्र एवं हरियाणा से चीनी मिलों ने बाहर के गन्ने की खरीद की। विभाग ने जब सख्ती करना शुरू किया तो गन्ना माफिया ने स्थानीय किसानों की गन्ना पर्चियों पर गन्ना लाना शुरू कर दिया। विभागीय जांच में भी इस बात की पुष्टि हुई कि गन्ना माफिया ने लिब्बरहेड़ी, इकबालपुर, लक्सर एवं ज्वालापुर गन्ना समिति क्षेत्र में कुछ किसानों के पास जमीन कम हैं, लेकिन उनका बेसिक कोटा कहीं अधिक है। ऐसे में उनकी गन्ने की पर्चियों की आड़ में बाहर से गन्ना खरीदा जा रहा है। गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि जिले में गन्ने का औसत उत्पादन 681 हेक्टेयर प्रति कुंतल हैं लेकिन जो जानकारी मिली है, उसके तहत कई किसानों के पास कम जमीन होने के बावजूद उनका बेसिक कोटा दो हजार कुंतल से भी अधिक है। इसलिए बेसिक कोटे का सत्यापन शुरू करा दिया गया है। औसत उपज के अनुसार ही किसान का बेसिक कोटा रहेगा। यदि कोई संतुष्ट नहीं है तो वह उपज बढ़ोतरी करा सकता है। एक हजार कुंतल से अधिक बेसिक कोटे वाले प्रत्येक किसान का सत्यापन कराया जाएगा।
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बाहरी गन्ना रोकने को गठित हुई टीमें
रुड़की: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि इस बार बाहरी गन्ने को रोकने के लिए केवल गन्ना विभाग ही नहीं दूसरे विभागों के अधिकारियों को मिलाकर टीम गठित की गई है। टीम में नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी, गन्ना विभाग के एससीडीआई या सीडीआई, गन्ना समिति सचिव एवं पुलिस से भी कर्मचारी मौजूद रहेंगे। इसके बाद सख्ती के साथ बाहर का गन्ना रोका जाएगा।