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भारत की महान विभूति थे ब्रह्मलीन स्वामी लोकेशानंद गिरि

कनखल स्थित श्रीलोकेश धाम में ब्रह्मलीन जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लोकेशानंद गिरि महाराज की 23वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 08:52 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 08:52 PM (IST)
भारत की महान विभूति थे ब्रह्मलीन स्वामी लोकेशानंद गिरि
भारत की महान विभूति थे ब्रह्मलीन स्वामी लोकेशानंद गिरि

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : कनखल स्थित श्रीलोकेश धाम में ब्रह्मलीन जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लोकेशानंद गिरि महाराज की 23वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर सभी 13 अखाड़ों के संत-महापुरुषों के सानिध्य में ब्रह्मलीन स्वामी लोकेशानंद गिरि महाराज के शिष्य स्वामी सदाशिवानंद गिरि महाराज को तिलक चादर भेंट कर महंताई प्रदान की गई। साथ ही उन्हें लोकेश धाम का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया। संतों ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी लोकेशानंद गिरि महाराज भारत की महान विभूति थे।

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रविवार को श्रद्धांजलि समारोह में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (महानिर्वाणी) के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविद्रपुरी महाराज ने कहा कि धर्म के संरक्षण संवर्धन में संत महापुरुषों ने सदैव अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी लोकेशानंद गिरि महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी संत थे, जिन्होंने अपने कुशल व्यवहार एवं आचरण के माध्यम से समाज को धर्म का सकारात्मक संदेश प्रदान किया और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म के प्रति जागृत किया।

इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद गिरि महाराज एवं श्रीपंच दशनाम अवाहन अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी लोकेशानंद गिरि महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने भारत ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में धर्म एवं भारतीय संस्कृति की पताका को फहराया। महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद एवं श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि योग्य गुरु को ही सुयोग्य शिष्य की प्राप्ति होती है। स्वामी सदाशिवानंद गिरि महाराज लोकेश धाम आश्रम का कुशल संचालन करते हुए सनातन परंपराओं का निर्वहन करेंगे।

लोकेशधाम आश्रम के नवनियुक्त उत्तराधिकारी स्वामी सदाशिवानंद गिरि महाराज ने सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त किया। कहा कि जो दायित्व उन्हें संत समाज द्वारा सौंपा गया है। उसका वह पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे और सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अपना संपूर्ण योगदान प्रदान करेंगे।

इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज, महंत दुर्गादास, स्वामी रवि देव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी गिरधर गिरि, स्वामी दर्शनानंद गिरि, महंत प्रह्लाद दास, महंत जसविदर सिंह, स्वामी सच्चिदानंद गोस्वामी, महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद अवधूत, बाबा हठयोगी सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित रहे।


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