फरहान अख्तर की आवाज़ का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोला
आइआइटी रुड़की केे थोम्सो के समापन पर वहां पहुंचे अभिनेता फरहान अख्तर ने अपनी आवाज़ से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गानों पर वहां मौजूद हर शख्स जमकर झूमा।
रुड़की, [जेएनएन]: शोला जो भड़के भड़कने दो, तुम्हें जब मैंने देखा था, सुन लो मेरा कहना, मैं ऐसा क्यूं हूं, आहिस्ता-आहिस्ता आदि गीत गुनगुनाकर बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता और पार्श्वगायक फरहान ने लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में मौजूद हर एक श्रोता को झूमने पर विवश कर दिया। मौका था आइआइटी रुड़की में आयोजित तीन दिवसीय थोम्सो की आखिरी शाम का।
आइआइटी रुड़की में थोम्सो के दौरान देर शाम होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत रविवार को फरहान अख्तर ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने एक के बाद एक हिट गानों की झड़ी लगा दी। अधिकांश गीत गाने से पहले उन्होंने फिल्म और गाने के बारे में छात्र-छात्राओं और अन्य श्रोताओं को बताया, उसके बात गीत गाया। फरहान ने आहिस्ता-आहिस्ता गीत सुनाने के बाद श्रोताओं को बताया कि यह रुड़की का लॉकल गाना है क्योंकि इसे रुड़की के ही अंकुर तिवारी ने लिखा है। यह सुनकर श्रोता खुशी से झूम उठे। वहीं उन्होंने श्रोताओं की फरमाइश पर भी कईं गाने सुनाए।
उधर, फरहान की आवाज सुनने और उनकी एक झलक पाने के लिए एलबीएस में मौजूद हर आयु वर्ग के लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला। फरहान के गाए हर एक गीत पर मैदान में उपस्थित छात्र-छात्राएं जमकर थिरके। उधर, कार्यक्रम शुरू होने के बाद भी कार्यक्रम स्थल में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राएं कतारबद्ध दिखाई दिए। उल्लेखनीय है कि फरहान इससे पहले भी थोम्सो में प्रस्तुति दे चुके हैं। इस मौके पर जिलाधिकारी दीपक रावत, आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी, डीन आफ स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. आनंद जोशी, विधायक प्रदीप बत्रा, संस्थान के फैकल्टी अन्य स्टाफ, उनके परिवार के सदस्य, छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे।
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