आइआइटी प्रकरण में कूदी भीम आर्मी, घेरी कोतवाली
सोमवार को आइआइटी रुड़की प्रकरण में अनुसूचित जाति की शोधार्थी के समर्थन में भीम आर्मी भी कूद पड़ी। भीम आर्मी ने उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शोधार्थी को साथ लेकर कोतवाली का घेराव करते हुए करीब पांच घंटे तक हंगामा किया।
जागरण संवाददाता, रुड़की: सोमवार को आइआइटी रुड़की प्रकरण में अनुसूचित जाति की शोधार्थी के समर्थन में भीम आर्मी भी कूद पड़ी। भीम आर्मी ने उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शोधार्थी को साथ लेकर कोतवाली का घेराव करते हुए करीब पांच घंटे तक हंगामा किया। इस दौरान वो धरना देकर विरोध-प्रदर्शन भी करते रहे। मामले में कार्रवाई के लिए आर्मी ने दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। वहीं मांग पूरी न होने पर 20 दिसंबर को आइआइटी के सभी गेट बंद करने का एलान किया है।
गुजरात निवासी एक अनुसूचित जाति की शोधार्थी ने आइआइटी प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न और जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगाते हुए सिविल लाइंस कोतवाली में शिकायत की थी। इसे लेकर रविवार को एसएसपी ने एसआइटी का गठन किया था। मामले में सोमवार दोपहर करीब 12 बजे भीम आर्मी के प्रदेश प्रभारी महक ¨सह की अगुआई में बड़ी संख्या में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली सिविल लाइंस का घेराव किया। भीम आर्मी ने पुलिस प्रशासन पर ढिलाई का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन और आइआइटी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। शोधार्थी ने भी आरोप लगाया कि शिकायत करने के बावजूद कोई उनकी बात नहीं सुन रहा। एक माह से वह इंसाफ के लिए भटक रही हैं। उन पर हमला कराकर डराने का प्रयास भी किया गया। भीम आर्मी के प्रदेश प्रभारी महक ¨सह ने कहा कि मामला रफा-दफा करने को एसआइटी गठित की गई है। इस दौरान भीम आर्मी की पुलिस से नोकझोंक भी होती रही। सीओ मनोज कत्याल और इंस्पेक्टर अमरजीत ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। शाम पांच बजे तक भीम आर्मी के कार्यकर्ता धरने पर बैठे रहे। पुलिस ने एसआइटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में कार्रवाई की बात कही। लेकिन, भीम आर्मी ने पुलिस को कार्रवाई के लिए अल्टीमेटम देते हुए कार्रवाई के लिए कहा।
गुजरात विधायक के फोन से सक्रिय हुई भीम आर्मी!
मामले में भीम आर्मी के कूदने से पुलिस भी हैरान है। बताया जा रहा है कि पहले भीम आर्मी के कार्यकर्ता सिविल अस्पताल में एक मामले को लेकर पहुंचे थे। उस वक्त वहां कार्यकर्ताओं की संख्या काफी कम थी। लेकिन, अचानक ही भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली का रुख कर लिया। सूत्रों की मानें तो गुजरात के एक विधायक ने रुड़की में भीम आर्मी के पदाधिकारी को फोन कर मामले को उठाने के लिए कहा था, जिसके बाद से मामला जोर पकड़ा।
शोधार्थी ने फेसबुक लाइव के जरिये मांगा इंसाफ: भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली में भीड़ जुटाने के लिए फेसबुक लाइव किया। जिसमें आर्मी के एक पदाधिकारी के मोबाइल पर शोधार्थी ने अपने साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए इंसाफ की मांग की। साथ ही, अधिक से अधिक लोगों से कोतवाली पहुंचकर इस लड़ाई में हिस्सा लेने का अनुरोध किया। इसके अलावा फोन और मैसेज के जरिये भी भीड़ जुटाई गई।
पुलिस की सांस फूली
भीम आर्मी के धरने को लेकर पुलिस की सांस अटकी रही। पुलिस ने कई बार भीम आर्मी के पदाधिकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं। इससे पहले भी भीम आर्मी पुलिस के लिए परेशानी खड़ी कर चुकी है।