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भाई के तिलक के लिए दो घंटे 20 मिनट का मुहूर्त

जागरण संवाददाता, रुड़की: भैयादूज का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस बार भैयादूज पर भाई के

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 08:48 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 08:48 PM (IST)
भाई के तिलक के लिए दो  घंटे 20 मिनट का मुहूर्त
भाई के तिलक के लिए दो घंटे 20 मिनट का मुहूर्त

जागरण संवाददाता, रुड़की: भैयादूज का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस बार भैयादूज पर भाई के तिलक करने के लिए शुभ मुहूर्त दो घंटे और 20 मिनट का है। बहनें दोपहर में एक बजे से तीन बजकर 20 मिनट तक भाई का तिलक कर सकेंगी।

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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भैयादूज का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। आइआइटी रुड़की परिसर स्थित श्री सरस्वती मंदिर के आचार्य राकेश कुमार शुक्ल के अनुसार एक बार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन यमुना ने अपने भाई को घर आने के लिए वचनबद्ध कर दिया। बहन के वचन से बंधे होने के कारण यम ने उसके घर जाने का निश्चय किया। वहां जाने से पहले नरक में रहने वाले सभी प्राणियों को मुक्त कर दिया और बहन के घर पहुंच गए। बहन ने यम का प्रसन्नता से स्वागत सत्कार करते हुए तिलक लगाया, आरती की और स्वादिष्ट पकवानों का भोजन करवाया। यमराज ने बहन की सेवा से प्रसन्न होकर वरदान दिया कि यम द्वितीया के दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर भोजन करेगा और यमुना नदी में स्नान करेगा, उसे कभी भी यम की पीड़ा नहीं सताएगी और आयु में वृद्धि होगी। इसलिए इस दिन यमुना में स्नान और बहनों की ओर से भाई का तिलक और स्वागत करने की परंपरा है। उन्होंने बताया कि भैयादूज के दिन प्रात:काल स्नान करके भगवान गणेश और विष्णु का पूजन करना चाहिए। इसके बाद भाई को तिलक करके स्वयं भोजन करना चाहिए। भैयादूज के दिन यमुना नदी में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।


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