संसार में करुणा व वात्सल्य का भाव जगाते हैं भगवान
संवाद सहयोगी हरिद्वार महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा है कि भगवान का अवतार
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने कहा है कि भगवान का अवतार संसार में करुणा एवं वात्सल्य का वातावरण बनाने के लिए होता है, जबकि अन्य प्राणियों को कर्म करने के लिए जन्म लेना पड़ता है। पशु तथा पक्षी सृष्टि चक्र के संचालन के लिए जन्म लेते हैं।
वह राजा गार्डन स्थित श्री हनुमत गोशाला में श्री गीता विज्ञान आश्रम के तत्वावधान में आयोजित 35वें गुरुपूर्णिमा महोत्सव के उपलक्ष में आयोजित भागवत कथा का रसपान करवा रहे थे। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के अवतार की कथा सुनाते हुए कहा कि भक्त जिस रूप में भगवान को प्राप्त करना चाहता हैं, वे उसी रूप में दर्शन देकर कृतार्थ करते हैं। राजा दशरथ के त्याग एवं तपस्या के आधार पर ही माता कौशल्या को जब भगवान ने चतुर्भुज रूप में दर्शन दिए तो मां ने बाल रूप में अवतरित होने का निवेदन किया। श्रीहरि ने मां के अनुरोध का सम्मान किया और द्वापर में श्रीहरि ने एक साथ दो माता एवं दो पिता देवकी-वासुदेव तथा नंद बाबा एवं माता यशोदा को पुत्र रूप में अपने वात्सल्य की अनुभूति से उनकी निराशा को आशान्वित किया। उत्तम अवतार के लिए तिथिवार तथा ग्रहों का विशिष्ट योग बताते हुए उन्होंने कहा कि अष्टमी और नवमी दोनो तिथियां पवित्र होती हैं।