फोटो: 1: पनियाला गांव में 26 दिन बाद खुले बैंक
जागरण संवाददाता रुड़की पनियाला गांव में दो राष्ट्रीयकृत बैंक शाखाएं खुल गई हैं। जिसके बाद लोगों ने बैंक से कैश निकाला।
जागरण संवाददाता, रुड़की: पनियाला गांव में 26 दिन बाद दो राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं खुलीं। इससे लोगों के सामने कैश की किल्लत समाप्त हो गई है।
पनियाला गांव में चार अप्रैल को एक जमाती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद पूरे गांव को क्वारंटाइन कर दिया। इसके चलते गांव में दो राष्ट्रीय बैंकों की शाखा के अलावा जिला सहकारी बैंक की शाखा भी बंद हो गई। इससे ग्रामीणों के पास नकदी का संकट हो गया। हालांकि बाकी सामान प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराया, लेकिन नकदी का संकट होने से ग्रामीण परेशान रहे। पिछले दिनों गढ़वालमंडल आयुक्त के दौरे के दौरान भी ग्रामीणों ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद गुरुवार को बैंक की शाखाएं खुली तो लोगों को राहत मिली। ग्रामीणा शारीरिक दूरी बनाकर बैंक से रुपये निकालने के लिए पहुंचे। उधर जिस जमाती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, वह भी स्वस्थ होकर वापस गांव लौट आया है। क्वारंटाइन खत्म होने पर 38 ग्रामीण लौटे मानक मजरा
भगवानपुर: मानक मजरा गांव के 38 लोग क्वारंटाइन अवधि पूरी कर वापस लौट आए हैं। हालांकि अभी 11 ग्रामीण क्वारंटाइन सेंटर में ही हैं। मानक मजरा गांव में 14 अप्रैल को एक जमाती के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उसे पूरे गांव को सील कर दिया था। वहीं गांव के 50 से अधिक लोगों को कलियर में क्वारंटाइन किया था। बाद में एक महिला भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई थी। हालांकि कोरोना पॉजिटिव आए दोनों अस्पताल से ठीक होकर घर पहुंच चुके हैं। गांव के हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। क्वारंटाइन पर भेजे गए ग्रामीण भी क्वारंटाइन अवधि पूरी करने के बाद वापस आ रहे हैं। कलियर क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए 38 लोग वापस बुधवार शाम को वापस आ गए हैं। 11 ग्रामीण अभी क्वारंटाइन पर ही हैं। उधर, पनियाला गांव से क्वारंटाइन किए ग्रामीण वापस आ गए हैं। गुरुवार को भी पांच ग्रामीण क्वारंटाइन सेंटर से वापस आ गए हैं। हालांकि एक किशोर अभी भी क्वारंटाइन सेंटर में ही है। संदिग्ध मरीज की सूचना पर पहुंची पुलिस
झबरेड़ा: गुरुवार को किसी व्यक्ति ने गुरुकुल नारसन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सूचना दी कि झबरेड़ा में एक व्यक्ति बाहर से आया है। उसके प्रारंभिक लक्षण कोरोना संक्रमित लग रहे हैं। इस पर नारसन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉ. कौशलेस पांडे टीम को लेकर झबरेड़ा कस्बे में पहुंचे। यहां पर उन्होंने सूचना देने वाले व्यक्ति से संपर्क कने की कोशिश की लेकिन उसका फोन नंबर ही बंद मिला। इसके बाद टीम ने झबरेड़ा कस्बे में इस संबंध में जानकारी ली लेकिन पूरे कस्बे में इस तरह का कोई व्यक्ति नहीं मिला। फिर टीम लौट आयी।