बैंक खाते ने बढ़ा दी किताब और यूनिफॉर्म से दूरी
संवाद सहयोगी, रुड़की : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तमाम ऐसे बच्चे हैं। जिन्हें अभी तक किता
संवाद सहयोगी, रुड़की : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तमाम ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें अभी तक किताब और यूनिफॉर्म नहीं मिल पाई है। जबकि सत्र को शुरू हुए आठ माह बीत चुके हैं। बैंक खाता न खुलने की वजह से छात्रों को किताबों और यूनिफॉर्म का पैसा नहीं मिल पा रहा है। इससे बच्चों के साथ शिक्षकों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
नगर क्षेत्र के एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ने बताया कि विद्यालय में कई ऐसे बच्चे अध्ययनरत हैं। जो बेहद गरीब और घुमंतू परिवार से होने के कारण उनके पास आइडी नहीं है। बच्चों के आधार कार्ड उन्होंने बनवा दिये हैं। लेकिन बच्चों और अभिभावकों की आइडी नहीं होने से उनके खाते खुलने में दिक्कत आ रही है। यह स्थिति मात्र एक विद्यालय की नहीं, बल्कि कई विद्यालयों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक-शिक्षिकाएं बच्चों के खाते खुलवाने के लिए स्वयं बैंकों की दौड़ लगा रहे हैं। इसके बाद भी तमाम बच्चों के बैंक खाते नहीं खुल पाए हैं। बैंक खाते न खुल पाने की वजह से किताबों का पैसा उनके खातों में स्थानांतरित नहीं हो पा रहा है। इसी तरह यूनिफॉर्म में भी दिक्कत आ रही है। यूनिफॉर्म का पैसा जारी हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में यूनिफॉर्म का पैसा विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में जाएगा। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को यूनिफॉर्म देने में परेशानी नहीं होगी। लेकिन शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में यूनिफॉर्म का पैसा सीधे लाभार्थी छात्रों के खाते में जाएगा। जिससे छात्रों को किताबों और यूनिफॉर्म से वंचित रहना पड़ रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मपाल ¨सह सैनी का कहना है कि छात्रों के खाते खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि उन्हें समय से यूनिफॉर्म और किताबें मिल सकें।