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आएदिन ग्रामीणों और पशुओं पर हमला करते हैं मगरमच्छ

लक्सर क्षेत्र में कई गांवों के तालाबों और बरसाती नालों में मगरमछ हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:14 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:05 AM (IST)
आएदिन ग्रामीणों और पशुओं पर हमला करते हैं मगरमच्छ
आएदिन ग्रामीणों और पशुओं पर हमला करते हैं मगरमच्छ

संवाद सूत्र, लक्सर: लक्सर क्षेत्र में कई गांवों के तालाबों और बरसाती नालों में मगरमच्छ हैं। वो ग्रामीणों पर हमला करने के अलावा पशुओं को निवाला बना चुका हैं। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार सूचना देने के बावजूद वन विभाग मगरमच्छों को पकड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ा जब मगरमच्छ ने आठ वर्षीय बच्ची को निवाला बना लिया।

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लक्सर क्षेत्र में गंगा और बाणगंगा के साथ ही सोलानी नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ मौजूद हैं। बरसात के दौरान नदियों का जलस्तर बढ़ने पर ये मगरमच्छ पानी के साथ जंगल और आबादी क्षेत्र में तालाबों तक पहुंच जाते हैं। इसके बाद ये वापस नहीं लौट पाते। लक्सर और खानपुर के मुंडाखेड़ा, अकोढा, गनोली, पंडित पुरी अलावलपुर, शेरपुर बेला, डुमनपुरी, खेड़ी, चंद्रपुरी, जोगावाला समेत कई गांवों के तालाबों में मगरमच्छ मौजूद हैं।

क्षेत्र के तालाबों में मौजूद मगरमच्छों के पशुओं को निवाला बनाने की घटनाएं आम हैं। क्षेत्र में कई बार मगरमच्छ ग्रामीणों के घरों और पशुशाला में भी घुस चुके हैं। शुक्रवार को मगरमच्छ ने एक बच्ची को निवाला बना लिया। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग को जानकारी देने के बाद भी विभाग आबादी क्षेत्र में घुसे मगरमच्छों को नहीं पकड़ता। कई बार ग्रामीण खुद ही मगरमच्छ को पकड़कर वन विभाग को सौंप चुके हैं।

वहीं वन क्षेत्राधिकारी गौरव अग्रवाल ने ग्रामीणों के आरोपों से इन्कार किया है। उनका कहना है कि बरसात के दिनों में गंगा व अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ने पर मगरमच्छ पानी में बहकर आबादी क्षेत्र तक तालाबों मे पहुंच जाते हैं। पानी उतरने पर वह वही रह जाते हैं। मगरमच्छ अथवा किसी अन्य वन्यजीव के आबादी क्षेत्र में आने की सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जाती है ।


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