शहर में कुख्यातों के गिरोह फिर सक्रिय
जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर में एक बार फिर कुख्यातों के गिरोह सक्रिय हो गए हैं। कु
जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर में एक बार फिर कुख्यातों के गिरोह सक्रिय हो गए हैं। कुख्यात सुनील राठी के तिहाड़ जेल में बंद होने से अब रुड़की में पकड़ बनाने के लिए गिरोह में होड़ लगी है। कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि और अनुभव वशिष्ठ के बीच की होड़ पुलिस के लिए चुनौती बन सकती है। इस समय दोनों ही शहर में अपना दबदबा बनाने में लगे हैं।
पिछले कुछ साल से शहर में कुख्यात सुनील राठी का बोलबाला रहा। वर्ष 2005 में सुनील राठी ने ¨सचाई विभाग के इंजीनियर राधेश्याम की हत्या कराई थी। ¨सचाई विभाग के ठेकों को लेकर हत्या कराए जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद से ही सुनील राठी का नाम चर्चा में आया और रंगदारी का धंधा चल पड़ा। 2012 में जेल के बाहर डिप्टी जेलर नरेंद्र खंपा तथा 2014 में कुख्यात चीनू पंडित के साथ हुई गैंगवार में तीन लोगों की हत्या के बाद सुनील राठी की दहशत हो गई थी। सुनील राठी ने कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि और अनुभव वशिष्ठ जैसे कई गुर्गे खड़े किए।
इस समय सुनील राठी तिहाड़ जेल में बंद है। सुनील राठी के जिले से बाहर जाते ही उसके गुर्गों में रंगदारी का धंधा कब्जाने की होड़ मची है। अपना दबदबा बनाने के लिए 21 दिसंबर को सुनहरा में संपति विवाद में अधिवक्ता कृष्ण गोपाल की हत्या कराई। इससे पहले शहर के डेयरी कारोबारी समेत अन्य कई से कुख्यात वाल्मीकि रंगदारी के लिए धमकी दे चुका है। अनुभव राठी ने भी पिछले साल शहर के रामनगर निवासी कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। शनिवार को पेशी पर सिम लेते पुलिस ने उसके भाई रुद्राक्ष को गिरफ्तार किया था। रविवार को मंगलौर के कांग्रेसी नेता से भी राठी के नाम पर रंगदारी मांगी गई। यह रंगदारी किसने मांगी इसकी जांच हो रही है। पुलिस के लिए एक बार फिर गैंग की सक्रियता बढ़ने से परेशानी खड़ी हो गई है। एसएसपी जनमेजय खंडूरी का कहना है कि जिले में सक्रिय गैंग पर शीघ्र शिकंजा कसा जाएगा।