पकी फसलों की ओर रुख कर रहे जंगली जानवर
जागरण संवाददाता रुड़की घाड़ क्षेत्र में धान और गन्ने की फसल हाथी व अन्य जंगली जानवरों को
जागरण संवाददाता, रुड़की: घाड़ क्षेत्र में धान और गन्ने की फसल हाथी व अन्य जंगली जानवरों को आकर्षित कर रही है। इसके चलते हाथी और अन्य जानवर किसानों व राह चलने वाले लोगों पर हमला कर रहे हैं। हाथी के हमले में कई लोगों की जान जा चुकी है, तो कई घायल हो चुके हैं। शिकायत के बावजूद वन विभाग के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
घाड़ क्षेत्र में किसानों ने धान और गन्ने की फसल लगाई है। क्षेत्र के बुग्गावाला, शहीदवाला, सिकरोढ़ा, हदीपुर, लामग्रंट, मुजाहिदपुर, अलावलपुर समेत कई गांव में गन्ने और धान की फसल बड़े पैमाने पर लगी है। कई जगहों पर किसानों ने बासमती लगा रखी है। इसकी खुशबू जंगली जानवरों को अधिक आकर्षित कर रही है। खेतों की ओर रुख कर रहे जानवरों से किसानों की जान खतरे में पड़ रही है। कितनी बार हाथी किसानों पर हमला कर चुके हैं, इसमें आठ अक्टूबर को गन्ने की फसल का पहरा दे रहे किसान लियाकत (50) पर हाथी ने हमला कर दिया था। किसी तरह से शोर मचाकर ग्रामीणों ने उसकी जान बचाई थी। हमले में किसान घायल हुआ था। करीब छह माह पूर्व भी बुग्गावाला के जंगल में हाथियों के झुंड ने लोगों को दौड़ा दिया था। वहीं एक साल पहले भी बुग्गावाला क्षेत्र में खेत पर बने एक किसान का मचान हाथी ने गिरा दिया था। इसमें किसान को चोट लगी थी। किसानों की जान तो जोखिम में है ही, फसलें भी हाथी और अन्य जंगली जानवर बर्बाद कर रहे हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान सुखपाल, धनीराम, सतबीर, इलमचंद आदि का कहना है कि कई बार वन विभाग से जंगली जानवरों के आतंक को लेकर शिकायत की जा चुकी है। इसके बावजूद वन विभाग इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।
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केस
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केस एक: मार्च 2019 में बंदरजुड गांव में लकड़ी बीनने गई महिला को जंगली हाथी ने पटक कर मौत के घाट उतार दिया था, जबकि दूसरी महिला की उपचार के दौरान मौत हुई थी।
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केस दो: जून 2019 में डालूवाला निवासी एक दंपती को हजारा ग्रंट के पास हाथी ने पटक दिया था। इसमें दंपती की मौत हो गई थी। अगले दिन शव जंगल के पास से बरामद हुआ था।
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केस तीन: सितंबर 2019 में हबीबपुर निवादा गांव के पास हाथी ने खेत में किसान पर हमला कर उसे घायल कर दिया था।
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वर्जन
जंगली जानवरों को लेकर जंगल से सटे इलाकों में वन विभाग के कर्मचारियों की गश्त बढ़ाई गई है। वहीं तारबाड़ लगाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
राम सिंह, रेंजर खानपुर वन रेंज