बिना बजट बेबस हुई खुशियों की सवारी
मातृ-शिशु सुरक्षा के लिए संचालित खुशियों की सवारी के पहिये जाम हो गए।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार : मातृ-शिशु सुरक्षा के लिए संचालित खुशियों की सवारी के पहिये जाम हो गए। चैनराय जिला महिला अस्पताल परिसर में खड़ी खुशियों की सवारी वाहन में ड्राइवर की तैनाती व डीजल के लिए बजट न होने से महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा।
चैनराय जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं की सुविधा के लिए तीन खुशियों की सवारी वाहन मिले थे। पूर्व में जीवीके कंपनी आपातकालीन सेवा 108 और खुशियों की सवारी दोनों का संचालन कर रही थी, लेकिन कंपनी का अनुबंध समाप्त होने के बाद कैंप को इसका जिम्मा मिलने पर अनुबंध में केवल 108 एंबुलेंस के संचालन तय हुआ। स्वास्थ्य विभाग को अपने संसाधनों से खुशियों की सवारी का संचालन करना था, लेकिन आठ महीने हो गए महिला अस्पताल में खड़ी तीन खुशियों की सवारी वाहन ड्राइवर की तैनाती न होने और डीजल के लिए बजट न मिलने से धूल फांक रही है। इससे प्रसूताओं को अपने निजी साधन या निजी एबुलेंस से आना जाना पड़ रहा है।
अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका शिखा जंगपांगी का कहना है कि आठ माह पूर्व तीनों एंबुलेंस को चलाने का टेंडर पहले वाली कंपनी के पास था, लेकिन कंपनी को इसका अनुबंध न मिलने और अस्पताल को खुशियों की सवारी के लिए चालक और बजट न मिलने से मजबूरी में यह खड़ी है।