पीआरडी विभाग के कर्मचारी पर धोखाधड़ी का आरोप
सहकारी गन्ना विकास समिति में पर्ची वितरकों की नियुक्ति मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मामले में जिन पर्ची वितरकों की नियुक्ति की जा रही थी, उनकी ओर से प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के कर्मचारी पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर तीन-तीन हजार रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए ब्लॉक प्रमुख को शिकायत की गई है।
संवाद सूत्र, लक्सर: सहकारी गन्ना विकास समिति में पर्ची वितरकों की नियुक्ति मामले में अब नया मोड़ आ गया है। मामले में जिन पर्ची वितरकों की नियुक्ति की जा रही थी, उनकी ओर से प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के कर्मचारी पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर तीन-तीन हजार रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए ब्लॉक प्रमुख को शिकायत की गई है। ब्लॉक प्रमुख ने बीडीओ को मामले में जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पिछले दिनों सहकारी गन्ना विकास समिति लक्सर में पीआरडी विभाग के माध्यम से 10 पर्ची वितरकों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन, गन्ना समिति के कर्मचारियों व भारतीय किसान संघ ने गलत तरीके से समिति के सचिव व निदेशकों के निकट संबंधियों को नियुक्ति दिए जाने का आरोप लगाते हुए सहायक गन्ना आयुक्त, गन्ना मंत्री और उप जिलाधिकारी को शिकायत की गई थी। मामले में उप जिलाधिकारी व सहायक गन्ना आयुक्त की ओर से कराई गई जांच में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। जिस पर पर्ची वितरकों की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया था। इसके विपरीत लक्सर ब्लॉक की क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल की अधिकारी पूनम मिश्रा ने विभाग की ओर से नियुक्ति के संबंध में कोई पत्र जारी किए जाने से इन्कार किया था। अब मामले में नया मोड़ आ गया है। जिन युवकों की नियुक्ति को निरस्त किया गया, अब उनकी ओर से ब्लॉक प्रमुख को शिकायत कर बताया गया कि पीआरडी विभाग में तैनात कर्मचारी की ओर से उनसे वर्ष 2017-18 के दौरान शैक्षिक दस्तावेज व अन्य प्रमाण पत्र लिए गए थे। उस समय उन्हें कार्य पर नहीं रखा गया था। इसके बाद इस वर्ष लिपिक ने उसी सूची को दोबारा से जारी कर दिया। इसके लिए लिपिक ने उनसे तीन-तीन हजार रुपये भी लिए। युवकों ने अब समिति के कर्मचारी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए ब्लॉक प्रमुख से कार्रवाई की मांग की। ब्लॉक प्रमुख संजय चौधरी ने मामले में बीडीओ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिकायत करने वालों में संदीप कुमार, विकास कुमार, सचिन कुमार, दिनेश ¨सह, अंकुश कुमार, विकास, नितिन, मोहित अनिल शामिल हैं। वहीं उप जिलाधिकारी व सहायक गन्ना आयुक्त की ओर कराई गई जांच में नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात सामने आई है। दोनों अधिकारियों ने गड़बड़ी की बात स्वीकार की है।