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    गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सभी की भागीदारी जरूरी: राज्यपाल

    By BhanuEdited By:
    Updated: Tue, 30 May 2017 06:00 AM (IST)

    राज्यपाल केके पाल ने सप्त सरोवर स्थित परमार्थ आश्रम में ब्रहमलीन संत शिरोमणी पथिक महाराज के जीवन पर आधारित पुस्तिका पथिक वाणी का विमोचन किया।

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    गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सभी की भागीदारी जरूरी: राज्यपाल

    हरिद्वार, [जेएनएन]: राज्यपाल केके पाल ने सप्त सरोवर स्थित परमार्थ आश्रम में ब्रहमलीन संत शिरोमणी पथिक महाराज के जीवन पर आधारित पुस्तिका पथिक वाणी का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाना एक बड़ी चुनौती है। इसमें संत समाज के साथ ही आम लोगों की भागीदारी आवश्यक है। 

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    उन्होंने कहा कि गंगा गोमुख से निकलकर साफ है, लेकिन मैदानी क्षेत्र में प्रदूषित हो रही है। गंगा जल आज जितना स्वच्छ होना चाहिए उतना स्वच्छ नहीं है। हम सभी के सहयोग से ही गंगा निर्मल होगी। इसके प्रति भावनात्मक लगावा होना जरूरी है। तभी हम गंगा को प्रदूषित करने से बचा सकेंगे। हमें गंगा का मन से आदर करना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि जहां तक सरकार का सवाल है, सरकार लगातार गंगा को निर्मल बनाने के लिए प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए प्रयासरत हैं। सरकार गंगा की धारा को प्रवाहमान बनाये रखने के लिए कटिबद्ध है। हमे हर चुनोती का सामना करके गंगा को अविरल बनाना होगा। 

    राज्यपाल केके पाल ने कहा कि संत समाज भी इसमें हमेशा से सहयोग करता आया है। आगे भी सहयोग करेगा, ऐसी संत समाज से अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता पांच लाख वर्ष पुरानी है। पीढ़ी दर पीढ़ी इस सभ्यता का अस्तित्व बना हुआ है।

    संत समाज हमारी भारतीय सभ्यता को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। संत समाज ने जगह जगह जाकर लोगों को जोड़ा। लोगों को भारतीय संस्कृति, सभ्यता से अवगत कराया। एक हजार साल पहले आदि शंकराचार्य ने भारतीय सभ्यता को एक सूत्र में बांधने का काम कर सभी को एक सूत्र में बांधा।

    इस मौके पर परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद मुनि, तुलसी मानस मंदिर के परमाध्यक्ष स्वामी अर्जुन पूरी महाराज, भारत माता मंदिर के श्रीमहन्त ललितानंद महाराज भी उपस्थित थे। 

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